घरेलू गैस सिलेंडर से चल रहीं दुकानें
मोतिहारी। गैस कंपनियों ने घर-घर तक रसोई गैस पहुंचाने के लिए भले ही घरेलू व व्यावसायिक उपयोग वाले स
मोतिहारी। गैस कंपनियों ने घर-घर तक रसोई गैस पहुंचाने के लिए भले ही घरेलू व व्यावसायिक उपयोग वाले सिलेंडर का वर्गीकरण किया है। पर, नियमों को मोतिहारी में ठेंगा दिखाया जा रहा है। धड़ल्ले से व्यवसायी घरेलू गैस का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। सबसे आश्चर्यजनक यह होटल व अन्य व्यवसाय कर रहे लोगों को आसानी से सिलेंडर उपलब्ध भी हो जाता है। उपर से प्रशासनिक स्तर पर इसकी खोज-खबर लेने वाला भी कोई नहीं है। दुकानदारों को आसानी गैस उपलब्ध कराने में ठेला चालकों की भूमिका अहम होती है। इसमें अधिकारियों व गैस एजेंसी के मालिकों की सांठगांठ से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। चाय दुकान हो या होटल यहां आसानी से घरेलू गैस का उपयोग हो रहा है। निगरानी की व्यवस्था का आलम यह है कि पिछले कई महीनों से इसकी खोज खबर नहीं ली गई है। जानकार बताते हैं कि प्रशासन के नाक के नीचे यह धंधा ऐसे हीं नही चल रहा है। इसके लिए सभी धंधेबाज निगरानी करनेवाले अधिकारियों के शरणागत हैं। खुलेआम चल रहा अवैध गैस रीफिलिग का धंधा शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र अवैध रूप से गैस री-फिलिग का धंधा खुलेआम चल रहा है। शहर की हर गली में इसकी दुकानें सजी है। मुख्य मार्ग पर भी छोटे सिलेंडर की ब्रिक्री धड़ल्ले से हो रही है। कई बड़ी घटनाएं भी हो चुकी है। अबतक अवैध गैस सिलेंडर की वजह से दर्जनों लोगों की जानें भी जा चुकी है। इसके बाद भी इस अवैध धंधे पर रोक लगाने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल नहीं की गई है। एक बार फिर शहर के मोहल्लों में जिस प्रकार से गैस री-फिलिग का कार्य हो रहा है। एक बार फिर गर्मी का सीजन है। ऐसे में किसी बड़े हादसे की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। सुगौली के छपवा में गैस के विस्फोट होने से गई थी 19 लोगों की जान जिले के सुगौली प्रखंड के छपवा में गैस सिलेंडर से हुआ हादसा आज भी लोगों को दहला देता है। वर्ष 2016 में गैस के री-फिलिग के दौरान गैस के फटने के साथ लगी आग की चपेट में आने से 19 लोगों की जान चली गई थी। किसी को कुछ समझने का मौका तक नहीं मिला और लोग इसकी चपेट में आ गए। इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर थोड़ी सर्तकता जरूर बरती गई, पर फिर सबकुछ शांत हो गया। इस प्रकार की कई। छोटी-छोटी घटनाएं होती रही इसके बाद भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बात अगर शहर की करें तो यहां की आबादी घनी है। यहां इस प्रकार की घटना होने की स्थिति में खतरा और बढ़ सकता है।
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