तालाब में अचानक बढ़ा अमोनिया, तीस क्विंटल मछली मरीं, दहशत
मोतिहारी। कोटवा प्रखंड के तालाबों में लगातार मछलियों के मरने की खबरे आ रही हैं। इसे लेक
मोतिहारी। कोटवा प्रखंड के तालाबों में लगातार मछलियों के मरने की खबरे आ रही हैं। इसे लेकर मत्स्य पालन करने वाले किसानों में मायूसी है। मत्स्य पालक डर रहे हैं। वह यह समझ नहीं पा रहे कि आखिर मछलियां मर क्यों रही है। हालांकि लोग अपने स्तर पानी को साफ करने और मछलियों को बचाने की जी तोड़ प्रयास कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार यह मामला मई के अंतिम सप्ताह में बझिया स्थित तालाब में बड़ी बड़ी मछलियां मृत पाई गई थी। उसके बाद डुमरा के हीरापुर स्थित तालाब में यही स्थिति देखने को मिला। दो से तीन दिनों तक सैकड़ों बड़ी मछलियां मर कर तालाब के किनारे लगी हुई दिखी। ताजा मामला जसौली स्थित तालाब का है। शनिवार को इस तालाब में भी मछलियां मृत पाई गई। मछलियों की लगातार हो रही मौत से मत्स्य पालकों में बेचैनी और मायूसी है। प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सचिव सह जिला पार्षद मनोज मुखिया ने बताया कि बझिया में 16 क्विंटल, हीरापुर तालाब में 11 क्विंटल तथा जसौली में 2 क्विंटल मछलियों के मरने का आकलन किया गया है। मछलियों के मरने का कोई पुख्ता कारण नहीं दिख रहा है। इधर जलीय जीव से संबंधित जानकारी रखने वाले पंकज लाइफ साइंस कंपनी टेक्निशन रंजन कुमार ने बताया कि उन्होंने तालाबों में मरी मछलियों को देखा है। मछलियों में कोई बीमारी नही है। तालाब के पानी में पीएच और अमोनिया की मात्रा में अचानक आई वृद्धि से यह समस्या पैदा हुई है। उन्होंने बताया कि जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। डायरेक्ट फीड की जगह फॉर्मेंटेड फिड दिया जाना चाहिए। मत्स्य पालक सुनील मुखिया ने बताया कि सूचना के बावजूद विभागीय स्तर पर कोई सहायता उपलब्ध नही कराई जा रही है। ऐसे में मत्स्य पालकों को भारी नुकसान हो रहा है।