बिल्ववृक्ष की पूजा से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति

मोतिहारी। सभी प्रकार के उपद्रवों की शांति, पापों के नाश एवं समस्त मनोरथ सिद्धि के लिए नवरात्र में ष

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 11:48 PM (IST) Updated:Thu, 11 Apr 2019 11:48 PM (IST)
बिल्ववृक्ष की पूजा से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति
बिल्ववृक्ष की पूजा से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति

मोतिहारी। सभी प्रकार के उपद्रवों की शांति, पापों के नाश एवं समस्त मनोरथ सिद्धि के लिए नवरात्र में षष्ठी तिथि को सायंकाल में बिल्ववृक्ष का पूजन एवं बिल्वाभिमंत्रण करने का विधान है। इस दिन बिल्ववृक्ष जिसमें युग्म फल लगे हों, की पूजा की जाती है। बिल्ववृक्ष की पूजा करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। उस क्षेत्र में अकाल नहीं पड़ता तथा किसी प्रकार का शत्रु भय नहीं होता। रावण पर विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से भगवान राम ने भी नवरात्र में दुर्गा पूजा के निमित्त बिल्व पूजन किया था। उक्त बातें गुरुवार को पीपराकोठी प्रखंड के मधुछपरा स्थित मां सर्वमंगला शक्तिपीठ के प्रांगण में आयोजित वासंतिक नवरात्र पूजन के छठे दिन बिल्वाभिमंत्रण के महात्म्य को बताते हुए प्रधान यजमान सुशील कुमार पांडेय ने कही।

बताया कि बिल्ववृक्ष की पूजा करने से बल वृद्धि एवं प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष शत्रुओं का नाश होता है तथा यश व विजय की प्राप्ति होती है। प्राचार्य पाण्डेय ने नवरात्र पूजन के छठे दिन का महत्व बताते हुए कहा कि मां दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी है। इस दिन इनके स्वरूप की उपासना की जाती है। भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए व्रज की गोपियों ने इनकी पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थीं। ये व्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मां कात्यायनी की भक्ति द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। अनुष्ठान के अन्तर्गत दैनिक पूजन के पश्चात भक्तों ने वाद्य यंत्रों के साथ माता की डोली लेकर बिल्ववृक्ष के पास जाकर पूजन की। इस अवसर पर बिल्वाभिमंत्रण में जाने वाले मार्ग पर गांव की कन्याओं द्वारा भव्य रंगोली बनाई गई थी। मौके पर यज्ञाचार्य आशीष उपाध्याय, सहायक आचार्य अमन तिवारी व नितेश शुक्ल,समिति के अध्यक्ष आलोक पांडेय, सुधीर दत्त पाराशर, विकास पांडेय, झुन्नू कुमार झा, योगेंद्र पांडेय, राजन पांडेय, मुखिया दिवाकर पांडेय, ब्रजकिशोर पांडेय, शैलेंद्र गिरि, कामेश्वर पांडेय, वकील महतो, उमाशंकर बैठा, रविद्र पांडेय, बिट्टू कुमार, रौशन कुमार, बमबम कुमार, अंजेश पांडेय, कुन्दन कुमार, बृजेश महतो समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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