मैट्रिक परीक्षा को लेकर परीक्षा केंद्रों पर तैयारी शुरू
मोतिहारी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा-2019 को लेकर परीक्षा केंद्रों
मोतिहारी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित माध्यमिक परीक्षा-2019 को लेकर परीक्षा केंद्रों पर तैयारी शुरू कर दी गई है। संस्थागत व्यवस्था को भी दिशा निर्देशों के अनुसार अंतिम रूप देने का प्रयास चल रहा है। दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को मोतिहारी के कुछ परीक्षा केंद्रों की स्थिति का जायजा लिया। पड़ताल में सतही तौर सब कुछ सामान्य नजर आया, मगर गौर करने पर कुछ समस्याएं भी सामने आईं। हालांकि, उनके निदान का प्रयास किया जा रहा है। पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था को भी हमने देखा। आधे से अधिक चापाकल खराब मिले। शौचालय काम चलाऊ ही दिखे। हालांकि, कुछेक परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्था बेहतर दिखी। परिसर में सफाई भी संतोषजनक थी।
सबसे पहले हमने शहर के मुजीब कन्या प्लस टू स्कूल को देखा। यहां पर प्रथम पाली में 593 एवं द्वितीय पाली में 602 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। चहारदीवारी से घिरे विद्यालय के पास एक बड़ा परिसर है। परिसर में साफ-सफाई का अभाव दिखा। एक बड़े हिस्से में जंगली घास व झाड़ियां नजर आईं। परिसर में आधा दर्जन चापाकल हैं। इनमें से आधा खराब पड़े हैं। सहायक शिक्षक अभय पाठक ने बताया कि परीक्षा को लेकर कोई समस्या नहीं है। परीक्षार्थियों के लिए बेंच-डेस्क का भी अभाव नहीं है। पेयजल एवं शौचालय को लेकर भी परेशानी नहीं है। सभी कमरों के बाहर वाटर फिल्टर रखा जाता है। इस क्रम में हमने प्रभावती गुप्ता कन्या उच्च विद्यालय का भी जायजा लिया। परिसर में बैठी कुछ महिला शिक्षक परीक्षा संबंधी कार्यो में ही व्यस्त थीं। इसी बीच सहायक शिक्षक मो. जावेद वीक्षण संबंधी पत्र लेकर पहुंचे और शिक्षकों को बताया कि किसे वीक्षण कार्य के लिए कहां जाना है। अपेक्षाकृत छोटे परिसर में बेहतर साफ-सफाई दिखी। इस केंद्र पर प्रथम पाली में 754 एवं दूसरी पाली में 261 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। पेयजल एवं शौचालय की स्थिति भी ठीक थी। हमारा अगला पड़ाव डॉ. एसकेएस महिला कॉलेज था। बदहाल संस्थागत व्यवस्था को लेकर इस कॉलेज की खास पहचान है। गंदगी के बीच जर्जर हो चुके भवन यहां की बदहाली को दर्शाते हैं। हालांकि बदलाव की दिशा में अब ठोस कदम उठाए गए हैं। परिसर में निर्माण कार्य होता नजर आया। बिना पल्ले की खिड़कियां आज भी यहां देखी जा सकती हैं। मगर परीक्षा में इससे कोई परेशानी नहीं है। चारों ओर से चहारदीवारी है। परिसर में चापाकल तो है, मगर परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए इसे नाकाफी कहा जाएगा। शौचालय की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं है। इस केंद्र पर प्रथम पाली में 747 एवं द्वितीय पाली में 700 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। उपरोक्त तीनों केंद्र बालकों से संबंधित हैं। दूसरी ओर, शहर के मुंशी ¨सह महाविद्यालय को आदर्श परीक्षा केंद्र बनाया गया है। यह बालिकाओं का परीक्षा केंद्र है। यहां साज-सज्जा के साथ उत्सव के माहौल में परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। वैसे भी यहां संस्थागत व्यवस्था अपेक्षाकृत ठीक है, बावजूद इसके उन्हें और बेहतर स्वरूप देने की कवायद जारी है।