अब डिजिटल तकनीक से होगा क्षय रेगियों का इलाज

मोतिहारी । टीवी के मरीजों के लिए राहत की खबर है। अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकेशन ईवेंट एंड मॉनिटर रिमाइंडर (मर्म बॉक्स) तकनीक के माध्यम से ऐसे मरीजों को दवा खाने के लिए याद दिलाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 11:15 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 11:15 PM (IST)
अब डिजिटल तकनीक से होगा क्षय रेगियों का इलाज
अब डिजिटल तकनीक से होगा क्षय रेगियों का इलाज

मोतिहारी । टीवी के मरीजों के लिए राहत की खबर है। अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकेशन ईवेंट एंड मॉनिटर रिमाइंडर (मर्म बॉक्स) तकनीक के माध्यम से ऐसे मरीजों को दवा खाने के लिए याद दिलाया जाएगा। यहां बता दें कि पूरे सूबे में सिर्फ मोतिहारी व पूर्णिया में हीं जीत कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। अगर पायलट परियोजना के तहत यह दोनों जिलों में सफल होता है तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे पूरे सूबे में लागू किया जाएगा। मालूम हो कि पूर्व में यहां क्षय रोगी आरोग्य साथी एप के माध्यम से अपनी प्रगति रिपोर्ट देखा करते थे। लेकिन अब मर्म तकनीक से मरीजों को काफी सहूलियत हो सकेगी। इसी कड़ी में सोमवार को जिला यक्ष्मा कार्यालय में संचारी रोग पदाधिकारी डा रणजीत राय व जीत कार्यक्रम के जिला समन्वयक रंजन कुमार वर्मा ने टीबी रोगियों को संयुक्त रूप से मर्म बॉक्स देकर पायलट प्रोजेक्ट का जिले में आगाज किया। मौके पर कार्यक्रम के जिला समन्वयक श्री वर्मा ने बताया कि इस नई तकनीक से टीवी के मरीजों को काफी राहत मिल सकेगी। मर्म एक तरह का इलेक्ट्रानिक बॉक्स है, जिसमें टीवी की दवा रखी रहती है। इसमें तीन अलग-अलग तरह की लाईट व अलार्म लगे होते हैं। हरी लाईट व अलार्म बताता है कि मरीज के दवा खाने का समय हो गया है। दवा खाने के लिए अगर मरीज बॉक्स को खोलता है तो उसे कम से कम बॉक्स को एक मिनट तक खुला छोड़ना चाहिए। इससे यह डिजिटल रिकॉर्ड में सेव हो जाता है। बॉक्स पर लगी पीले लाइट दवा खत्म होने का पता चलता है। वहीं अगर बॉक्स की बैट्री खत्म हो रही हो तो लाल लाइट व अलार्म से संकेत मिलता है। फिलहाल मर्म बॉक्स को नए मिलने वाले मरीजों को हीं दिया जाना है। इसके अलावा 99 डॉट्स कार्यक्रम से भी ऐसे रोगियों को फायदा मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत टीवी की दवा के पीछे एक टॉल फ्री नंबर लिखा गया है। मरीज दवा खाने के बाद इस टॉल फ्री नंबर पर अपने निबंधित सेलफोन से कॉल कर दवा खा लेने के बाबत जानकारी दर्ज करा सके्गे। मौके पर डाटा ऑपरेटर अमरेंद्र कुमार, डीपीएस अरविद कुमार, एसटीएस नागेश्वर सिंह, एसटीएल एस. जैनेन्द्र कुमार, अनिल कुमार, राजकुमार तिवारी, कार्यक्रम के क्षेत्र अधिकारी जितेंद्र कुमार, ट्रीटमेंट कोऑडिनेटर अमित पाठक, अमित दूबे, सुजीत कुमार यादव आदि उपस्थित थे।

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