सस्ता और सुलभ होने के चलते नेपाल से बढ़ी ड्रोन कैमरों की तस्करी

मोतिहारी। सस्ता और सुलभ होने के चलते नेपाल से भारत में चीन निíमत ड्रोन की तस्करी बढ़ी है। पूर्वी चंप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 12:13 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 12:13 AM (IST)
सस्ता और सुलभ होने के चलते नेपाल से बढ़ी ड्रोन कैमरों की तस्करी
सस्ता और सुलभ होने के चलते नेपाल से बढ़ी ड्रोन कैमरों की तस्करी

मोतिहारी। सस्ता और सुलभ होने के चलते नेपाल से भारत में चीन निíमत ड्रोन की तस्करी बढ़ी है। पूर्वी चंपारण के रक्सौल से लेकर मधुबनी के नेपाल से सटे इलाकों के बाजार में इसका धंधा चल रहा है। हाल के महीनों में तीन जगहों से 21 ड्रोन कैमरे बरामद हुए हैं। जम्मू में ड्रोन से एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद से इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं।

पहले फोन पर होती है डील : नेपाल में ड्रोन कैमरों का सबसे बड़ा मार्केट काठमाडू में है। रक्सौल से सटे बीरगंज में भी चोरी-छिपे बिक्री हो रही है। बीरगंज के एक व्यवसायी ने बताया कि ड्रोन कैमरों के अधिकतर खरीदार भारतीय हैं। वे पहले फोन पर कीमत और फीचर की जानकारी लेते हैं। इसके बाद गुप्त स्थान पर ड्रोन दिखाने के साथ टेस्टिंग होती है।

नेपाल में दो तरह के ड्रोन कैमरे : नेपाल में फिलहाल दो तरह के ड्रोन कैमरे आसानी से उपलब्ध हैं। एक बड़ा साइज का डीजेआइ फैंटम 4 प्रो है। इसकी डिमाड अधिक है। इसके अलावा मैविक प्रो है। इसे आसानी से कैरीबैग या झोला में ले जाया जा सकता है। नेपाल में इस तरह के ड्रोन की कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये है, जिसे भारतीय बाजार में डेढ़ से दो लाख में बेचा जाता है। एक ड्रोन की तस्करी में 30 से 40 हजार का मुनाफा हो रहा है।

आर्डर लेकर पटना तक सप्लाई : पिछले दिनों मधुबनी में जो 11 ड्रोन जब्त किए गए थे, वे 30 मीटर ऊंची उड़ान भरकर 1300 मीटर के दायरे में फोटोग्राफी करने की क्षमता वाले थे। इनका बैटरी बैकअप मात्र आधा घंटा था। मधुबनी के सीमावर्ती मधवापुर, साहरघाट, उमगाव व बासोपट्टी सहित कई बाजारों में ऐसे ड्रोन चोरी-छुपे मिल रहे हैं। यहा के कुछ तस्कर मुजफ्फरपुर व पटना जैसे बड़े बाजार में भी इसे पहुंचा रहे हैं।

रक्सौल के अधिवक्ता शशिकात तिवारी ने बताया कि ड्रोन कैमरे का उपयोग शादी-विवाह में कैंपस के अंदर ही करना है। इससे बाहर उपयोग पर जब्त किया जा सकता है। विधिसम्मत कार्रवाई भी हो सकती है। मधुबनी एसपी डॉ. सत्यप्रकाश बताते हैं कि आपराधिक षडयंत्र या देश विरोधी गतिविधियों के उद्देश्य से ड्रोन का उपयोग करने पर प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है। भारतीय दंड विधान के तहत कार्रवाई भी होगी।

-कोट

ड्रोन कैमरा रखने के लिए परमिशन की आवश्यकता है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से नियमावली तय की जा रही है।

-नवीन चंद्र झा, पुलिस अधीक्षक, पूर्वी चंपारण

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28 जुलाई : मधुबनी के हरलाखी प्रखंड से सटी भारत-नेपाल सीमा से 11 ड्रोन कैमरों के साथ एक गिरफ्तार।

27 जून : पूर्वी चंपारण के कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र में गुआबारी कैंप के पास आठ चाइनीज ड्रोन कैमरे के साथ तीन गिरफ्तार।

मार्च : रक्सौल से दो ड्रोन कैमरे बरामद।

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