भारत से जा रहे नेपाल तो साथ में रखें केवल 100 रुपये के नोट, वरना होगी परेशानी, जानिए

नेपाल सरकार ने 200, 500 और 2000 के भारतीय नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब अगर आप भारत से नेपाल जाते हैं तो अपने पास केवल सौ रुपये या उससे कम के नोट ही पास में रखें।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 04:21 PM (IST) Updated:Sat, 15 Dec 2018 11:28 PM (IST)
भारत से जा रहे नेपाल तो साथ में रखें केवल 100 रुपये के नोट, वरना होगी परेशानी, जानिए
भारत से जा रहे नेपाल तो साथ में रखें केवल 100 रुपये के नोट, वरना होगी परेशानी, जानिए

पटना, जेएनएन। अब अगर आप भारत से नेपाल जा रहे हैं तो अपने साथ सिर्फ सौ रुपये के और उससे छोटे नोट ही साथ में रखें। इससे ज्यादा यानि दो सौ, पांच सौ या दो हजार के नोट ना ले जाएं, वर्ना आपको परेशानी हो सकती है। क्योंकि नेपाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 200, 500 और 2000 के भारतीय नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

लगे प्रतिबंध के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि इन भारतीय रुपयों के साथ पकड़ा जाएगा तो उस पर आर्थिक अपराध के तहत मामला दर्ज होगा। गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जाएगा। इस निर्णय से दोनों देश के व्यापार पर असर पड़ेगा। नेपाल का पर्यटन उद्योग भी प्रभावित होगा। 

नेपाल सरकार के प्रवक्ता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री गोकुल प्रसाद बास्कोटा ने इन नोटों पर प्रतिबंध की पुष्टि करते हुए कहा कि मंत्री परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार ने लोगों से कहा है कि वे 200, 500 और 2,000 रुपये के नोट न रखें। इन्हें अमान्य करार दिया जा चुका है।

बास्कोटा ने बताया कि भारत में नोटबंदी के बाद नेपाल में अब भी पुराने एक हजार और पांच सौ के भारतीय नोट पड़े हैं, जिन्हें वापस नहीं लिया गया। केंद्रीय बैंक का कहना है कि उसके पास भारत के तकरीबन आठ करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट हैं। विदेशी विनिमय व्यस्थापन विभाग के कार्यकारी निदेशक भीष्मराज ढुंगाना ने बीते सितंबर में कहा था कि भारत अपने पुराने नोट को क्यों नहीं बदल रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनकपुर आगमन के समय नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी यह मामला उठाया था। माना जा रहा कि भारतीय सरकार की ओर से पुराने नोटों को लेकर कोई कदम नहीं उठाने के चलते भारत के नए नोटों को अवैध घोषित किया गया है। 

व्यवसाय और पर्यटन पर पड़ेगा असर

इस प्रतिबंध से सीमावर्ती क्षेत्र के व्यवसायियों एवं देशी-विदेशी पर्यटकों में खलबली मच गई है। क्योंकि, नेपाल में भारी संख्या में पर्यटक आते-जाते रहते हैं। इस फैसले का उस पर बड़ा असर पड़ेगा। नेपाल का खुदरा बाजार भी प्रभावित होगा। भारत के विभिन्न शहरों के लोग भारतीय मुद्रा के साथ नेपाल जाते हैं और आसानी से सामान खरीदकर लाते हैं। अब उन्हें 100 या इससे छोटे नोट का इस्तेमाल करना होगा। 

समाधान के लिए दोनों देश करें बात

नेपाल-भारत सहयोग मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह उद्योगपति अशोक वैद्य ने बताया कि नेपाल 2019 को पर्यटन वर्ष के रूप में मना रहा है। इसके जरिए देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में लगा है, ताकि नेपाल की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। इस प्रतिबंध से व्यापार, पर्यटन, स्वास्थ्य और धार्मिक पर्यटकों पर असर पड़ेगा। दोनों देशों की सरकार को पहल कर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। 

व्यापारियों में चिंता

 चैंबर ऑफ कॉमर्स, पूर्वी चंपारण के अध्यक्ष सह उद्योगपति रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि यह नेपाल का आंतरिक मामला है। लेकिन, यह निर्णय जन भावना के दृष्टिकोण से ठीक नहीं। इससे दोनों देशों के व्यापार पर असर पड़ेगा। नेपाल सरकार को यह निर्णय वापस लेना चाहिए। रक्सौल स्थित भारतीय स्टेट बैंक में करीब 46 करोड़ रुपये प्रतिमाह लेन-देन होता है। 

टैक्सटाइल्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि इससे व्यापार पर गंभीर असर पड़ेगा। भारत और नेपाल के बीच खुला बॉर्डर है। इसके अलावा दोनों देशों का बेटी-रोटी का संबंध है। ऐसी स्थिति में देशी-विदेशी पर्यटकों पर प्रभाव पड़ेगा।

नेपाल में प्रतिबंधित भारतीय नोट के साथ युवक गिरफ्तार 

नेपाल में प्रतिबंधित भारतीय नोट में गिरफ्तारी भी शुरू हो गई है। वहां की पर्सा जिला पुलिस ने वीरगंज में प्रतिबंधित भारतीय नोट के साथ एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया युवक पूर्वी चंपारण के मोतिहारी का निवासी मो. मैनुलहक है। उसके पास से पांच सौ के 640 नोट जब्त किए गए। उसे राजस्व अनुसंधान विभाग को सौंप दिया गया है। 

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