नई तकनीक के साथ खुद को अपडेट करने की जरूरत
मोतिहारी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन का
मोतिहारी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के तहत मोतिहारी इंजीनियरिग कॉलेज में तरह-तरह की गतिविधियां संचालित हो रही हैं। कार्यशाला, सेमिनार से लेकर कैंपस ड्राइव तक का दौर चल रहा है। इसका अनुकूल प्रभाव शिक्षा व्यवस्था का पड़ रहा है। कॉलेज के विकास में जेएनटीयू कॉलेज ऑफ हैदराबाद मेंटर कॉलेज के रूप में सहयोग कर रहा है। इस क्रम में मोतिहारी इंजीनियरिग कॉलेज में कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों के लिए सेल्सफ़ोर्स द्वारा 'क्लाउड एप्लीकेशन डेवलपमेंट विद सेल्सफ़ोर्स'पर आधारित सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान तकनीकी विशेषज्ञ ओमप्रकाश ने छात्रों को क्लाउड डेवलपमेंट, अपेक्स प्रोग्रामिग सहित आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जितनी तेजी से आज तकनीकी क्षेत्र में उछाल आ रहा है, हमें भी अपने को उतनी तेजी से अपडेट करने की जरूरत है। वहीं, महाविद्यालय के प्लसमेन्ट सेल अधिकारी दीपक कुमार चौधरी ने मोमेंटो देकर उन्हें सम्मानित किया और कहा कि आज नई तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल कर उन पर अभ्यास करने की आवश्यकता है। कंप्यूटर साइंस के राजीव कुमार ने सेल्सफ़ोर्स से छात्रों के लिए इंटर्नशिप और कार्यशाला करने की मांग की। जिसको स्वीकार करते हुए श्री प्रकाश ने कहा कि यहां के छात्रों के उत्साह एवं सकारात्मक पहल से बेहद खुशी मिली है। उन्होंने कंपनी के उच्च पदाधिकारियों से बात कर यहां के छात्रों को रोजगार देने की बात कही। सेमिनार का संचालन प्रथम वर्ष के छात्र अतुल कुमार ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समन्वयक राहुल राज, कृष्णकांत राज, चंदन कुमार आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। सेमिनार में टेक्यू आइपी प्रोगाम मैनेजर सोनल कुमार, सिविल डिपार्टमेंट के मनीष प्रताप सिंह तथा छात्र राहुल कुमार, शैलजा, विक्की कुमार, अभिमन्यू कुमार, अंशु, प्रियम, शिवानी, तरन्नुम, विकास, इंते़खाब सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं। उक्त जानकारी देते हुए यांत्रिक अभियंत्रण विभाग के प्रो. आशुतोष कुमार ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता, शोध एवं कंसल्टेंसी का बढ़ावा देने के उद्देश्य से कॉलेज में तरह-तरह की गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। इनके सकारात्मक प्रभाव भी सामने आने लगे हैं।