बैटल फील्ड की बारीकियों से परिचित हुए एनसीसी कैडेट
मुंशी सिंह महाविद्यालय में चल रहे एनसीसी संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के आठवें दिन शुक्रवार को भी कैडेट्स को कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए। इसकी शुरुआत पीटी से हुई जिसका नेतृत्व बटालियन हवलदार मेजर आरबी थापा ने किया।
मोतिहारी । मुंशी सिंह महाविद्यालय में चल रहे एनसीसी संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के आठवें दिन शुक्रवार को भी कैडेट्स को कई तरह के प्रशिक्षण दिए गए। इसकी शुरुआत पीटी से हुई जिसका नेतृत्व बटालियन हवलदार मेजर आरबी थापा ने किया। वहीं, 5.56 एमएम इंसास रायफल को खोलने-जोड़ने एवं इसके हिस्से-पुर्जे की जानकारी कैडेटों को हवलदार पुआ सेतपाल द्वारा दी गई। बैटल फील्ड की रचना की जानकारी हवलदार विष्णु कुमार ने दी। जबकि विभिन्न प्रकार के अवरोधों के बारे में विशेष रूप से हवलदार तरुण कुमार ने बताया। कैंप कमांडेंट कर्नल प्रवीण देव ने कैडेटों को मोरल वैल्यू पर व्याख्यान देते हुए कहा कि किसी भी सशस्त्र सेना का सबसे बड़ा और कारगर हथियार उसका मोरल करेक्टर होता है। युद्ध में जीत हथियारों की नहीं, मोरल करेक्टर की होती है। लेफ्टिनेंट मिनिकेश चौधरी ने कैडेटों को निर्णय लेने की क्षमता पर व्याख्यान देते हुए कहा कि कमांडर में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। परिस्थिति और वातावरण के अनुरूप निर्णय लेकर ही युद्ध में विजय प्राप्त की जा सकती है। कैंप में लेफ्टिनेंट (डा.) नरेंद्र सिंह की देखरेख में 1/25 कंपनी हेतु नए कैडेटों का चयन भी किया गया। कुल 14 कैडेट चयनित हुए। शाम को कैडेटों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से प्रशाल को संगीतमय बना दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डा.) अरुण कुमार ने कहा कि यह शिविर 26 सितंबर को पूर्णता प्राप्त करेगा। खास बातें:-
- कैंप में कैडेट्स को दी गई 5.56 एमएम इंसास रायफल से जुड़ी जानकारी
- पुलिस फायरिग रेंज में गर्ल्स कैडेटों को मिला लक्ष्यभेदन का प्रशिक्षण