जन शिक्षण संस्थान में हुनर सीख महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

मोतिहारी । यहां सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर युवती व महिलाओं को सशक्त करने की पाठशाला चलती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 12:14 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 06:31 AM (IST)
जन शिक्षण संस्थान में हुनर सीख महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर
जन शिक्षण संस्थान में हुनर सीख महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

मोतिहारी । यहां सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर युवती व महिलाओं को सशक्त करने की पाठशाला चलती है। हवाई अड्डा चौक स्थित जन शिक्षण संस्थान में महिलाओं के हुनर को निखारकर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है। इन महिलाओं को एक साथ कई प्रकार का प्रशिक्षण देकर उन्हें इस लायक बनाया जा रहा है कि वे अपने परिवार की परवरिश खुद कर सकें। पिछले एक दशक में करीब 18 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। यहां से प्रशिक्षित महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ एक अच्छी जिदगी जी रही हैं। स्वयं सेवी संस्था निर्देश से जुड़ी यह संस्था 11 तरह के प्रशिक्षण दे रही है। यहां प्रशिक्षण लेनेवाली युवती व महिलाओं को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता। सरकार के कौशल विकास योजना के तहत संस्था के जुड़े होने के कारण सरकारी स्तर पर संस्था को अनुदान मिलता है। इसकी देखरेख भी सरकारी स्तर पर नियमित की जाती है। यहां अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं प्रशिक्षण के लिए आती हैं। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर 7776 महिलाएं खुद रोजगार से जुड़कर समृद्ध हो चुकी हैं। यहीं नहीं वे हजारों महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। संस्था की जिम्मेदारी संभाल रही मुन्नी शर्मा ने कहा कि यहां आने वाली महिलाओं को पहले प्रशिक्षण देकर दक्ष किया जाता है। उसके बाद उनको ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार से जोड़ा जाता है। शहर व आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों ब्यूटी पार्लर खोलकर व सिलाई-कटाई कर महिलाएं आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। जिदगी को मिली राह तो सब कुछ लगने लगा आसान इस संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली पूनम पांडेय कहती हैं कि शादी के बाद ससुराल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पति के पास स्थाई काम नहीं होने से घर का खर्च चलाना मुश्किल साबित हो रहा था। यहां प्रशिक्षण लेने के बाद ऐसा लगा कि वह भी बेहतर कर सकती हैं। ब्यूटी कल्चर एवं हेल्थ केयर कोर्स के साथ ड्रेस मेकिग कोर्स किया और आज बुटिक का सफल संचालन कर परिवार को चला रही हैं। बलुआ की खुशबू देवी ने भी सिलाई-कटाई व ब्यूटीकल्चर का प्रशिक्षण सात साल पूर्व प्राप्त किया। वह यहां प्रशिक्षक के रूप में काम कर अन्य महिलाओं को बेहतर राह दिखाने में मदद कर रही हैं। छोटा बरियारपुर की तान्य कुमारी ने पढ़ाई करने के साथ यहां प्रशिक्षण प्राप्त किया था। अब वर्ष 2015 से प्रशिक्षण दे रही हैं। इसी प्रकार नीलम कुमारी, चांदनी कुमारी समेत कई महिलाओं ने अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकालकर समृद्धि की राह पर खड़ा करने में सफल हुई हैं। वर्जन :

युवती व महिलाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। उनको किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए खुद देखरेख करती हूं। यहां मुख्य रूप से गरीब तबके की महिलाएं प्रशिक्षण के लिए आती हैं, जो प्रशिक्षण प्राप्त कर बेहतर जीवन जी रही हैं।

मुन्नी शर्मा

सहायक परियोजना पदाधिकारी, जन शिक्षण संस्थान।

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