घर में आईसोलेट रहकर ही शशिरंजन के पूरे परिवार ने जीत ली कोरोना से जंग

मोतिहारी। तेजी से फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। ग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 11:38 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 11:38 PM (IST)
घर में आईसोलेट रहकर ही शशिरंजन के पूरे परिवार ने जीत ली कोरोना से जंग
घर में आईसोलेट रहकर ही शशिरंजन के पूरे परिवार ने जीत ली कोरोना से जंग

मोतिहारी। तेजी से फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। गांव हो या शहर संक्रमण ने अब हर तरफ अपनी पहुंच बना ली है। हालांकि बढ़ते संक्रमण के बीच यह बात राहत वाली जरूर है कि अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही इस गम्भीर वायरस को मात देने में सफल हो रहे हैं। कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके सभी सदस्य इस वायरस की चपेट में एक साथ आ गएं। तब भी पूरे परिवार ने हिम्मत नहीं हारी व घर पर रहकर ही वायरस को हरा दिया। ऐसा ही एक परिवार है चांदमारी चौक निवासी शशि रंजन सिंह का। श्री सिंह बताते हैं कि बीते अक्टूबर माह की एक संध्या जब वो टीवी देख रहे थे, अचानक से काफी ठंड लगने लगी। कुछ ही समय के बाद बदन बुखार से तपने लगा। किसी तरह रात काटने के बाद अगले दिन उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट करवाई तो रिपोर्ट पॉजिटिव थी। चिकित्सकों की सलाह पर वे घर पर ही एक अलग कमरे में आइसोलेट हो गएं। इसी बीच उनकी पत्नी व बेटी में भी कोरोना के हल्के लक्षण दिखने लगे। जांच कराने पर उन दोनों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। श्री सिंह बताते हैं कि तब का मंजर वे ताउम्र नही भूल सकते। पत्नी व बेटी भी चिकित्सकों की सलाह पर घर में ही अलग-अलग कमरों में आइसोलेट हो गए। जो घर हमेशा हंसी ठिठोली से गुलजार रहता था वहां अचानक से पूरा माहौल बोझिल हो गया था। सबसे बड़ी बात यह थी कि तीन सदस्यों का उनका पूरा परिवार ही पॉजिटिव हो गया था। ऐसे में उनकी चिता काफी बढ़ गई थी। लेकिन गुजरते दिन के साथ उन्होंने परिस्थितियों से तारतम्य बैठा लिया। अलग अलग कमरों में रहने के बावजूद भी मोबाइल के माध्यम से वे तीनों आपस में बराबर सम्पर्क में रहते थे। चिकित्सकों द्वारा लिखे गए दवा, गर्म पानी से गरारा, भांप लेने की प्रक्रिया को उनलोगों ने लगातार जारी रखा। दो ह़फ्तों के बाद तीनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो परिवार में एक बार फिर से खुशियां लौट आईं। उनका परिवार अपने बुलंद हौसले से कोरोना को मात देकर आज पूरी तरह से हंसी-खुशी जिदगी बीता रहा है। श्री सिंह बताते हैं कि आम जनमानस टीवी चैनलों आदि को देखकर भयभीत हो रहा हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बुलंद हौसले से कोरोना से जंग जीता जा सकता है। सबसे बड़ी बात कि लोगो को भी समझना होगा कि यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी हो सकता है। ऐसे में अगर कोई संक्रमित हो भी जाता है तो उससे शारीरिक दूरी रखें लेकिन भावनात्मक रूप से सबल जरूर प्रदान करते रहें। जब उनका परिवार संक्रमित हुआ था तब कई अपनों ने भी मुंह फेर लिया था। जरूरी सामान व दवाई मंगाने के लिए भी वे दूसरों पर आश्रित थे। जरूरत है कि संक्रमितों की मदद की जाए। जो लोग भी अपने घर में आइसोलेट हैं। उनतक जरूरी सामान व दवा पहुंचाने के लिए सामाजिक स्तर पर पहल की जाए।

इनसेट हां, मैंने कोरोना को हराया है ..

कोरोना की दूसरी लहर एक बड़ी चुनौती बनकर फिर हमारे सामने है। उम्मीद ही नहीं, पूरा विश्वास है कि अपने आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के बूते एक बार फिर हम इसे हराएंगे। इस समय कोरोना से जूझ रहे लोगों को उन लोगों का आत्मविश्वास संबल देगा, जो इसे हरा चुके हैं। अगर आपने अस्पताल या होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना को हराया है तो आप हमें उसका अनुभव 9852412770 पर फोन कर या व्हाटस्एप कर बताएं। हम प्रकाशित करेंगे।

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