अलग किया जाए टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों का संवर्ग
मोतिहारी। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) की जिला इकाई ने आरटीई
मोतिहारी। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) की जिला इकाई ने आरटीई एवं एनसीटीई के मापदंडों के अनुरूप शिक्षकों को लाभ देने की मांग की है। यह भी मांग की गई है कि टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के संवर्ग को अलग किया जाए। इस संदर्भ में अन्य राज्यों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के माध्यम से सुविधा देने की वकालत की गई है।
संघ के जिला महासचिव ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि जबसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ है, देश में बिहार को छोड़कर अन्य राज्यों में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा दिया गया है। उसी के अनुरूप उन्हें वेतन और भत्ते भी दिए जा रहे हैं। बिहार ही एकलौता प्रदेश है, जहां आरटीई एवं एनसीटीई के मापदंडों को पूरा करनेवाले शिक्षक भी नियोजन रूपी दंश को झेलने के लिए मजबूर हैं। श्री सिंह ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि वह बिहार में टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों का अलग संवर्ग घोषित करते हुए राज्यकर्मी माने और उसी के अनुरूप वेतन-भत्तों का निर्धारण करे। वहीं, संघ के जिलाध्यक्ष प्रियरंजन सिंह ने कहा कि निगरानी जांच के नाम पर मात्र शिक्षकों को बलि का बकरा नहीं बनाया जाए। इसके लिए स्थानीय शिक्षा पदाधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जानी चाहिए। संघ के प्रवक्ता सुधाकर पांडेय, रूमित रौशन, मणिभूषण यादव, रंजीत यादव, तरुण पासवान, रोहण पांडेय, सर्वेश शर्मा, चेतन आनंद, राम विनय शर्मा, संतोष कुशवाहा, नमिता किरण आदि ने मांग की है कि सीआरसीसी बीआरपी के चयन में स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को प्राथमिकता मिले। प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति का अवसर, विरमण तिथि से ग्रेड पे, पुरुष शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण, एरियर के भुगतान के साथ साथ स्थानांतरण अधिसूचना में जारी विसंगति को दूर किया जाए। किसी कारणवश अप्रशिक्षित रह गए शिक्षकों को प्रशिक्षण पूर्ण करने का अवसर दिया जाए।