जीविका दीदी की पौधशाला से गांवों में फैलेगी हरियाली

मोतिहारी। जिले के गांवों में अब हरियाली फैलाने की जिम्मेदारी जीविका ने उठाई है। जीविका

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 12:09 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 12:09 AM (IST)
जीविका दीदी की पौधशाला से गांवों में फैलेगी हरियाली
जीविका दीदी की पौधशाला से गांवों में फैलेगी हरियाली

मोतिहारी। जिले के गांवों में अब हरियाली फैलाने की जिम्मेदारी जीविका ने उठाई है। जीविका की महिला सदस्य विभिन्न प्रखंडों में पौधशाला स्थापित कर इस अभियान को गति दे रही हैं। जीविका दीदी पौधशाला के माध्यम से एक तरफ आर्थिक रूप से खुद मजबूत हो रही हैं, वहीं पर्यावरण संरक्षण में भी अपनी भूमिका निभा रही हैं। जीविका की पौधशाला में तैयार पौधों की खरीदारी के लिए भी मनरेगा ने करार किया है। सरकारी स्तर पर इन पौधों की खरीदारी होने से एक तरफ जीविका की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी वहीं अन्य महिलाओं को भी पौधशाला स्थापित करने के लिए प्रेरणा मिलेगा। बता दें कि पिछले साल जीविका की सात महिलाओं ने पौधशाला स्थापित कर प्रति पौधशाला दस हजार पौधों को तैयार किया था। सभी पौधों को वन विभाग द्वारा खरीद लिए जाने के कारण जीविका दीदी को बेहतर लाभ भी हुआ है।

दो लाख पौधे मनरेगा को देने का हुआ करार

चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा ने जीविका दीदी की पौधशाला से करार किया है। इसमें प्रति पौधशाला दस हजार पौधों के खरीदने की बात कही गई है। जीविका की पौधशाला में तैयार पौधों के हाथोंहाथ बिक जाने के बाद उत्साहित जीविका की महिलाओं में पौधशाला स्थापित करने के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। यही कारण है कि सात से बढ़कर अब दीदी की 20 पौधशाला हो गई है। इन पौधशाला से दो लाख पौधों की खरीद मनरेगा विभाग करेगी। नए पौधशाला को विकसित किया जा रहा है। जीविका की दीदी नौ प्रखंडों में पौधशाला को स्थापित किया है। मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमित कुमार उपाध्याय ने बताया कि प्रति पौधा 15 से 30 रुपये तक खरीद की जाएगी। इससे जीविका को आय सृजन का अवसर मिलेगा साथ ही मनरेगा के तहत किए जाने वाले पौधारोपण के लिए पौधे सहजता के साथ उपलब्ध होंगे। वर्जन

जीविका के साथ मनरेगा विभाग का करार हुआ है। इसके तहत उनकी पौधशाला से प्रति पौधशाला दस हजार पौधे की खरीदारी की जाएगी। यह पौधे मनरेगा के तहत लगने वाले पौधारोपण में लगाया जाएगा।

कमलेश कुमार सिंह

उप विकास आयुक्त, पूर्वी चंपारण

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