नुकसान के बाद भी व्यवसायियों ने जताया संतोष, लॉकडाउन बढ़ने का किया स्वागत

बेतिया। कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन को सरकार ने 15 मई से बढ़ाक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 12:11 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 12:11 AM (IST)
नुकसान के बाद भी व्यवसायियों ने जताया संतोष, लॉकडाउन बढ़ने का किया स्वागत
नुकसान के बाद भी व्यवसायियों ने जताया संतोष, लॉकडाउन बढ़ने का किया स्वागत

बेतिया। कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन को सरकार ने 15 मई से बढ़ाकर 25 मई तक कर दिया है। लॉकडाउन बढ़ने से आम लोगों के साथ व्यवसायी वर्ग को काफी नुकसान है। पूरी तरह दुकान नहीं खुलने से उन्हें आर्थिक क्षति हो रही है। बावजूद लॉकडाउन बढ़ने का व्यवसायियों ने स्वागत किया है। कोरोना से बचाव के लिए लोगों ने इसे जरूरी बताया है। लाल बाजार के रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी विनोद कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के कारण व्यवसाय डंवाडोल हो गया है। लेकिन कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन जरूरी है। भले ही थोड़ा नुकसान हो जाए, लेकिन जब तक खतरा थमें नहीं तब तक लॉकडाउन लागू रहना चाहिए। लालबाजार के जूता चप्पल के व्यवसायी जहांगीर आलम ने कहा कि जान है तो जहान है। पैसों के लिए जान को जोखिम में नहीं डाल सकते। लॉकडाउन का अब तक काफी फायदा दिखा है। सरकार को अभी लॉकडाउन रखनी चाहिए। जनता सिनेमा चौक के कॉस्मेटिक सामग्री विक्रेता उमेश पटेल ने कहा कि हम नुकसान सहने को तैयार हैं। सरकार को कोई भी फैसला सोच समझ कर लेना चाहिए। जब तक कोविड-19 का खतरा है तब तक लॉकडाउन लगी रहनी चाहिए। लॉकडाउन एकाएक हटाने के बजाय इसमें धीरे-धीरे छूट मिलनी चाहिए। जरूरत पड़े तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ाने से हिचकना नहीं चाहिए।

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कुछ घंटे दुकान खुलने से व्यवसायियों को नुकसान

लॉकडाउन की अवधि में कुछ घंटे ही दुकान खुलने से व्यवसायियों को काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि आम लोगों को इससे काफी राहत है। व्यवसायियों ने बताया कि दुकान पर सामान बिक्री के लिए मजदूरों से काम लिया जाता है। लेकिन कुछ ही घंटे दुकान खुलने के कारण मजदूरों को समय पर बुलाना पड़ता है। कुछ घंटे काम के एवज में उन्हें पूरी मजदूरी देनी पड़ती है। इस कारण काफी नुकसान हो रहा है। जबकि दुकान पर सामान बेचने में मालिक की मदद करने वाले महेंद्र साह, विनोद प्रसाद, प्रमोद राउत ने बताया कि वे वर्षों से दुकान पर सामान बेचने में मालिक की मदद करते हैं। जिनकी दुकान पर पहले तीन-चार मजदूर रहते थे, वहां उनकी संख्या घटा दी गई है। मालिक 4 के बदले 2 ही मजदूरों से काम ले रहे हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है।

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