जलवायु परिवर्तन से निपटना किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती : राधामोहन
मोतिहारी । पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सह सांसद राधामोहन सिंह ने कहा कि आज इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसपर जलवायु परिवर्तन का कोई प्रभाव न पड़ा हो।
मोतिहारी । पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सह सांसद राधामोहन सिंह ने कहा कि आज इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसपर जलवायु परिवर्तन का कोई प्रभाव न पड़ा हो। जलवायु परिवर्तन में हर किसी को चोट पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन किसानों के इसकी चपेट में आने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इसलिए यह जरूरी है कि किसानों को यह पता होना चाहिए कि समस्या का सामना कैसे किया जाय। वे महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान एवं कृषि विज्ञान केंद्र, पीपराकोठी में जलवायु अनुकूल प्रजातियों टेक्नोलॉजी एवं कार्यप्रणाली पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का वर्चुअल मार्गदर्शन मिला। सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में जलवायु स्मार्ट कृषि विकसित करने के ठोस पहल की गई है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर की परियोजना भी लागू की गई है। यह एक एकीकृत ²ष्टिकोण है, जिसमें फसली भूमि, पशुधन वन और मत्स्यपालन के प्रबंधन का प्रावधान होता है। परंपरागत खेती की तुलना में शून्य जुताई और लेजर भूमि स्तर के मामले में तकनीकी दक्षता अधिक पाई जाती है। लेजर भूमि स्तर और शून्य जुताई प्रौद्योगिकी पारंपरिक जुताई की तुलना में अधिक टिकाऊ पाई गई है। दलहनी फसलों द्वारा जमीन को उपजाऊ बना देने की क्षमता हमारे पूर्वज आदिकाल से जानते थे तथा इसका उपयोग करते थे। मुख्य दलहनी फसलें जैसे चना, मसूर, मटर, मूंग, उड़द, अरहर, खेसारी, कुलथी, लोबिया, मोटबिन आदि का उपयोग करके किसान खेतों की तथा अपनी स्थिति सुधार सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र पीपराकोठी एवं परसौनी द्वारा चलाए जा रहे क्लाइमेट रेसिलियंट एग्रीकल्चर प्रोग्राम के तहत पांच गांवों में जलवायु अनुकूल कृषि कार्य के तहत कार्य किया जा रहा है। नेशनल इनीशिएटिव फॉर क्लाइमेट रेसिलियंट एग्रीकल्चर प्रोग्राम के तहत मौसम को ध्यान में देते हुए अरेराज के नवादा गांव में कृषि विज्ञान केंद्र पीपराकोठी द्वारा 6 बोरिग कराई गई है, जिसके माध्यम से प्रति बोरिग 20 एकड़ सिचाई हो रही है। आइसीआर द्वारा अरेराज के नवादा कल्याण सरसौली पट्टी मोतिहारी के चंद्रहिया एवं चकिया के खैरीमाल तथा चितामनपुर में जलवायु अनुकूल कृषि के विशेष प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन किए गए है। मगरांही से मोतिहारी के बीच में सड़क के किनारे एक हजार परिवार की आमदनी बढ़ाने की ²ष्टि से पांच वर्षों से योजना चल रही है। इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार, विधायक श्यामबाबू यादव समेत बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।