रक्सौल में श्रद्धापूर्वक मनाया गया राम जन्मोत्सव

रक्सौल। रामनवमी पर्व पर बुधवार को मंदिरों से लेकर घरों में पूजा-अर्चना की गई ।कोरोना वायर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 12:34 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 12:34 AM (IST)
रक्सौल में श्रद्धापूर्वक मनाया गया राम जन्मोत्सव
रक्सौल में श्रद्धापूर्वक मनाया गया राम जन्मोत्सव

रक्सौल। रामनवमी पर्व पर बुधवार को मंदिरों से लेकर घरों में पूजा-अर्चना की गई ।कोरोना वायरस को लेकर ऐसे तो मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। लेकिन सीमावर्ती अनुमंडल के ग्रामीण और शहरी क्षेत्री के कई मंदिरों में पुजारियों के द्वारा विशेष पूजा-अर्चना व हवन का कार्य किया गया। कोरोना को लेकर श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहा। शहर के पोस्ट ऑफिस रोड स्थित माता मंदिर, रामजानकी मंदिर, मौजे माई स्थान मंदिर, रेलवे गोल कॉलोनी गायत्री शक्तिपीठ, आर्यसमाज रोड सेवक संजयनाथ तांत्रिक काली मंदिर, मनोकामना मंदिर, भकुवा ब्रह्मस्थान, सातो माई मंदिर, सीमा से सटे पर्सा जिला वीरगंज नेपाल के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या नगण्य रही।पं. मनोरंजन तिवारी ने कहा कि इस बार रामनवमी का अलग महत्व है। बताया कि करीब नौ वर्ष में यह संयोग बना है। कर्क लग्न 11:02बजे से 1.20 बजे तक है। उक्त समय में ही भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाने का मुहूर्त है। राम नवमी के अवसर पर अनुमंडल के रक्सौल, रामगढ़वा,आदापुर, छौड़ादानो आदि प्रखंडों में अधिकांश श्रद्धालुओं ने घरों में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया।

बंद रहे मंदिरों के कपाट

कोरोना संक्रमण को लेकर मंदिरों में आम श्रद्धालुओं को जन्मोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति नहीं थी। मंदिरों का मुख्य प्रवेश द्वार यानी कपाट बंद नजर आए।

सीमावर्ती अनुमंडल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक अनुष्ठान और पूजा अर्चना पर फिलहाल रोक है। पिछले दो वर्षों से कोविद 19 का प्रकोप है। जिससे रामनवमी के जुलूस और पूजा पर ग्रहण लगा है। जिसके कारण शहर में पिछले वर्ष भी रामनवमी पर लगने वाले मेला और जुलूस नहीं निकला। इस वर्ष भी किसी तरह केआयोजन पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है।

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