जीवन की डोर थामने को ऑक्सीजन की बढ़ी दरकार

मोतिहारी। कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से फैल रहे संक्रमण के बीच इस बार लोगों की इम्यू

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 11:42 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 11:42 PM (IST)
जीवन की डोर थामने को ऑक्सीजन की बढ़ी दरकार
जीवन की डोर थामने को ऑक्सीजन की बढ़ी दरकार

मोतिहारी। कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से फैल रहे संक्रमण के बीच इस बार लोगों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद दवाइयों के सेवन से ज्यादा आक्सीजन और वेक्सीनेशन प्राथमिकता बन गई है। चारों ओर इस समय मचे ऑक्सीजन व वेक्सीनेशन के शोर के बीच लोग संक्रमण से पहले बचाव के लिए उपरोक्त दोनों ही साधनों को ढूंढ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को कुछ यूं डरा दिया है कि संक्रमण होने की पुष्टि होते ही संक्रमित को सबसे पहले ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित होने की चिता सताने लगती है। दरअसल, जिस तेज लहर से इस बार कोरोना वायरस का खतरा लोगों पर बढ़ रहा है, इस हालात में इम्यूनिटी बढ़ाने की तैयारी करने से पहले संक्रमित को तत्काल इलाज की जरूरत समझी जा रही है। ऐसे में इस बार आयुर्वेद इलाज बाद की बात हो गई है। संक्रमण की पुष्टि होते ही लोग सबसे पहले आक्सीजन और उसकी जांच करने वाले आक्सीमीटर की व्यवस्था में लग जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो इस बार अधिकतर मामलों में वायरस काफी तेज प्रहार कर रहा है। संक्रमण होने के दो तीन दिनों के अंदर ही वायरस संक्रमित के फेफड़ों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दे रहा है। जबकि पिछले वर्ष हालात ऐसे नहीं थे। अधिकतर मामलों में मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती थी। यही कारण है कि तब ऑक्सीजन के लिए इतनी आपाधापी भी नहीं थी।

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ऑक्सीजन के लिए लग रही लंबी कतार : जिले में कोरोना संक्रमण का बढ़ता दायरा अब डराने लगा है। यही कारण है कि यहां ऑक्सीजन के डिमांड में भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है। कतिपय कारणों से स्वास्थ्य विभाग भी होम आइसोलेशन में रह रहे लोगो तक जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं कर रहा। ऐसे में संक्रमितों के लिए समाजसेवी संस्थाएं ही संजीवनी साबित हो रही हैं। चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व दवा कारोबारी डॉ विवेक गौरव बताते हैं कि हर गुजरते दिन के साथ ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ती जा रही है। उनके पास सुबह से ही ऐसे लोगो की कतार लग जाती है। यह क्रम देर रात तक जारी रहता है। ऑक्सीजन के किये सबसे ज्यादा परेशानी होम आइसोलेशन वालो को हो रही है। पिछले कुछ दिनों में ऑक्सीजन रिफिलिग के दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुवा है। कड़ी मशक्कत के बाद भी वे डिमांड के मुताबित लोगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। बता दे कि डॉ. गौरव पिछले साल से ही जरूरतमंदों के लिए मुफ्त में ऑक्सीजन की रिफिलिग कर रहे हैं।

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ऑक्सीफ्लो मीटर के लिए मचा है हाहाकार : कोरोना महामारी आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। ऐसे में ऑक्सीजन सिलिडर व इसमें काम आने वाले यंत्रों की मांग बढ़ती ही जा रही है। ऑक्सीजन सिलिडर के प्रयोग के लिए ऑक्सीफ्लो मीटर काफी अहम यंत्र है। बढ़ते डिमांड के कारण फिलहाल जिले में इसका मिलना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में कई बार ऑक्सीजन सिलिडर रहने के बावजूद भी संक्रमितों को एक एक सांस के लिए तड़पना पड़ रहा है। यहां तक कि जिला अस्पताल में भी कई बार इसकी किल्लत हो जा रही है, जिससे वहां इलाजरत संक्रमितों के लिए परेशानी बढ़ जाती है। मांग में आई तेजी को देखते हुए मौका परस्त लोग घटिया क्वालिटी के भी ऑक्सीफ्लो मीटर बेच रहे हैं, जो संक्रमितों की जान के साथ सीधे खिलवाड़ साबित हो रहा है। आम दिनों में 750 से 1500 तक बिकने वाला यह यंत्र इन दिनों 3500 से 4000 तक में बेचा जा रहा है।

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ऑक्सीजन सिलिडर का सावधानी से करें प्रयोग : डॉ. गौरव बताते हैं कि होम आइसोलेशन में जिन लोगो को भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, उन्हें इसका प्रयोग काफी सावधानी से करना चाहिए। सिलेंडर में डिस्टिल वाटर का ही प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा जरूरी है कि ऐसे मरीज लगातार अपने चिकित्सक के संपर्क में रहे व ऑक्सीजन लेवल का भी समय-समय पर माप लेते रहें।

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