सजगता से कम हो सकती है संक्रमितों की संख्या
रक्सौल। एचआईवी एड्स एक लाइलाज बीमारी है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति के शर
रक्सौल। एचआईवी एड्स एक लाइलाज बीमारी है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। जिसे साधारण बीमारी भी धीरे-धीरे भयावह होने लगती है। तब संक्रमित व्यक्ति धीरे-धीरे उस रोग की गिरफ्त में आ जाता है और अचानक काल के गाल में समा जाता है। चिकित्सक बताते है कि सबसे पहले यह बीमारी एचआइवी के रूप में बॉडी फ्लूड यानि कि शरीर द्रव के रूप में एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होती है। जिसका तुरंत उपचार नहीं होने के कारण यह आगे चलकर एड्स का रूप धारण कर लेती है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति कुछ साल के बाद मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। यह शरीर में घुसने के बाद संक्रमण के प्रति लड़ने वाले सीडी 4 कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली यानि की इम्यूनो सिस्टम को नष्ट कर देता है। इन दो महत्वपूर्ण चीजों के नष्ट हो जाने के कारण शरीर को संक्रमण और कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों से लड़ने में बहुत मुश्किल होती है। इसके कारण उस व्यक्ति के शरीर में एड्स की अवस्था बढ़ने लगती है आज है विश्व एड्स दिवस प्रत्येक साल 01 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को हुई थी। इसका उदेश्य एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक करना एवं संक्रमित व्यक्तियों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करना होता है। लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और लोगों को शिक्षित करना है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एसके सिंह एवं आइसीटीसी केंद्र के डॉ. प्रकाश मिश्रा ने जानकारी दी। बताया कि बिहार में संक्रमित लोगों की संख्या करीब एक लाख पच्चीस हजार है। इनमें 64 हजार लोगों को दवा दिया जा रहा है। अबतक पूरे बिहार में 20 एआरटी केंद्र है। आज विश्व एड्स दिवस पर सात केंद्र और खोला जाएगा। जहां से संक्रमित व्यक्ति दवा ले सकते है। वहीं चंपारण में संक्रमित लोगों की संख्या 345 है। इनमें सबसे अधिक मोतिहारी रेडक्रास केंद्र पर हुई जांच के दौरान एचआइवी संक्रमित मिले है। वहीं दूसरे स्थान पर ढाका, तीसरे पर मेहसी एवं चौथे स्थान पर रक्सौल है। चिताजनक है प्रखंड की स्थिति रोजगार के लिए लोग गांव शहर छोड़ दूसरे प्रदेशों एवं महानगरों में काम करने जा रहे है। जहां वे संक्रमित लोगों के संपर्क में आकर खुद को नहीं बचा पाते है। जब घर लौटते है तो पीएचसी में स्थापित आइआरसीटीसी केंद्र पहुंच जानकारी लेते है। तब जांच होने पर वे संक्रमित पाये जाते है। भारत-नेपाल सीमावर्ती शहर रक्सौल जिला में चौथे स्थान पर है। जांच के दौरान यहां इस वर्ष 15 संक्रमित मिले है। हालांकि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण जांच कार्य प्रभावित हुआ है। वर्ष 2018 में 5326 लोगों की जांच में 12 संक्रमित मिले थे। इनमें तीन गर्भवती महिलाएं थी। वहीं वर्ष 2019 में 4874 लोगों की जांच में 32 और 2020 में 3402 लोगों की हुई जांच में 15 संक्रमित मिल चुके है। आंकड़ा एक नजर में :- वर्ष पुरुष महिला गर्भवती महिला टीबी मरीज कुल जांच संक्रमित 2018 366 647 4313 131 5326 12 2019 500 467 3907 165 4874 32 2020 247 189 2966 0 3402 15
अपने मांगों के समर्थन में विश्व एड्स दिवस पर काली पट्टी बांध कार्य करेंगे कर्मी ऑल इंडिया एड्स कंट्रोल यूनियन से जुड़े करीब 12 हजार आईसीटीसी केंद्र के कर्मी अपने मांगों के समर्थन में आज विश्व एड्स दिवस के अवसर पर काली पट्टी बांध कर एक सप्ताह तक कार्य करेंगे। इस संबंध में रक्सौल परामर्श केंद्र के डॉ. प्रकाश मिश्रा ने बताया कि ऑल इंडिया एड्स कंट्रोल एम्पलॉय वेलफेयर एशोसियसन के पदाधिकारियों की दर्जनों बार से अधिक बैठक हुई है। लेकिन हमारी मांगों के संबंध में अभीतक कोई विचार नहीं हुआ है। इसको लेकर यूनियन के आह्वान पर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ ने चौधरी कमेटी लागू नहीं करने, प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने, वेतन पुनरीक्षण आदि सहित कई मांगों के लिखित आश्वासन के बाद भी पूरा नहीं होने पर आज से एक सप्ताह तक काली पट्टी बांध कार्य करने का निर्णय लिया है। कहते हैं चिकित्सक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एसके सिंह ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में घटते-बढ़ते दर को देखते हुए जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों में जन जागरूकता फैला एचआईवी के विषय में बताया जा रहा है। सरकार द्वारा निर्देशित 90-90-90 के फॉर्मेट पर काम किया जा रहा है। इसके लिए आशा व एएनएम को भी निर्देश दिया गया है कि वे घर-घर जाकर महिलाओं को इस रोग के विषय में जानकारी दें। वहीं अस्पताल में आए मरीजों का काउंसिलिग किया जा रहा है। साथ ही संक्रमण को रोकने लिए गर्भवती महिलाएं, टीबी के मरीजों की जांच को आवश्यक कर दिया गया है। इसके साथ ऑपरेशन के लिए पहुंच रहे मरीजों एवं लंबी बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए भी एचआईवी जांच आवश्यक कर दिया गया है।