गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी जरूरी: उप मुख्यमंत्री

मोतिहारी। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि आज केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा को सबके लिए स

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 12:19 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 12:19 AM (IST)
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ चरित्र  निर्माण भी जरूरी: उप मुख्यमंत्री
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी जरूरी: उप मुख्यमंत्री

मोतिहारी। उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि आज केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा को सबके लिए सहज व सुलभ बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं, लेकिन इसकी सार्थकता तब है जब शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी हो। चरित्रवान विद्यार्थी ही शिक्षा के मर्म व महत्व को समझते हुए परिवार, समाज एवं देश के लिए बेहतर कर सकता है। उप मुख्यमंत्री शुक्रवार को मोतिहारी के एलएनडी कॉलेज में नवनिर्मित संरचनाओं के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रही थीं।

चंपारण को अपना मायका बताते हुए उन्होंने कहा कि आज के इस आधुनिकता के दौर में रिश्ते-नाते पीछे छूटते जा रहे हैं। हमारे मां-बाप किसी हॉस्टल या आश्रम में रहें, यह हमारी संस्कृति नहीं है। शिक्षा से हमें संस्कार भी मिलने चाहिए, जो आपसी रिश्ते को मजबूत बनाए। उन्होंने उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि अब कौशल विकास भी शिक्षा का हिस्सा है। इस दिशा में तेजी से काम किए जा रहे हैं। एलएनडी कॉलेज में विकास के मुद्दे पर कहा कि यहां जो भी कमी है, उसे दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। वहीं स्थानीय सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि अब जैसे-तैसे वाली शिक्षा का दौर समाप्त हो चुका है। व्यवस्था की विसंगतियों को दूर कर नई शिक्षा नीति बनाई गई है, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल दिया गया है। चाहे सामान्य शिक्षा हो या मेडिकल-इंजीनियरिग सबको समान अवसर मिले इसकी व्यवस्था की गई है। अब नए केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना न करते हुए सरकार पूर्व से संचालित विश्वविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर दे रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के माध्यम से प्रतिवर्ष डेढ़ हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने मोतिहारी के पीपराकोठी में केंद्र सरकार के कृषि से संबंधित संस्थानों एवं मदर डेयरी के माध्यम से मिलने वाले रोजगार की भी चर्चा की। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहे सकारात्मक बदलाव एवं आत्मनिर्भर भारत के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व को कारण बताया। इस क्रम में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में भौतिक विकास का महत्वपूर्ण स्थान है। इससे विद्यार्थियों की रुचि पढ़ाई के प्रति उत्प्रेरित होती है। आधुनिक शिक्षा परंपरागत शिक्षा से भिन्न है। पहले शिक्षा का मतलब ज्ञान अर्जित करना होता था। मगर अब ज्ञान को रोजगार से जोड़ कर देखा जा रहा है। वैसे पाठ्यक्रमों पर जोर दिया जा रहा है जो जॉब ओरिएंटेंड हों।

कुलपति ने कहा कि चंपारण के विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए विश्वविद्यालय एक्सटेंशन काउंटर खोलने पर विचार की जा रही है। इसके लिए उपयुक्त स्थान का चयन करने की कोशिश की जा रही है। सेमिनार में बीज वक्तव्य देते हुए रूसा के उपाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर झा ने उच्चतर शिक्षा के विकास की पैरोकारी करते हुए चंपारण को आजादी की लड़ाई की बीज भूमि बताया। कार्यक्रम में मोतिहारी विधायक प्रमोद कुमार, गोविदगंज विधायक सुनीलमणि तिवारी एवं विवि के परीक्षा नियंत्रक मनोज कुमार ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। राष्ट्रीय सेमिनार में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी एवं सांसद राधामोहन सिंह का कुलपति ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। अन्य अतिथियों को स्वागत प्राचार्य डॉ. अरूण कुमार ने किया। इस अवसर पर कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गान भी प्रस्तुत किए। इस क्रम में कॉलेज के नवनिर्मित मुख्य द्वार, सेमिनार हॉल, जिमनेजियम, रिकॉर्डिंग रूम, लैंग्वेज लैब आदि का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। मौके पर एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएन ठाकुर, डॉ. एसकेएस महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. चंचल रानी, एसएनएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार राय, पीयूपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कर्मात्मा पांडेय सहित कॉलेज के प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

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