बैंककर्मी अभिषेक ने होम आइसोलेशन में रहकर दो बार दी कोरोना को मात
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। काफी तादाद में लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। यही कारण है कि लोगों में इसको लेकर दहशत का माहौल बन गया है। खासकर बैंकिग व अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग बड़े तादाद में लगातार संक्रमित हो रहे हैं।
मोतिहारी । कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। काफी तादाद में लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। यही कारण है कि लोगों में इसको लेकर दहशत का माहौल बन गया है। खासकर बैंकिग व अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग बड़े तादाद में लगातार संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे समय मे हमें उन लोगों की कहानियां जरूर जाननी चाहिए जो संक्रमित होने के बाद स्वस्थ होकर एक बार फिर से आम जिदगी जी रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मी अभिषेक कुमार को वही कोरोना ने लगातार परेशान किया है। हालांकि अभिषेक हर बार इसको परास्त करने में सफल रहे। अभिषेक बताते हैं कि पिछले साल भी जुलाई के महीने में वे संक्रमण की चपेट में आ गए थे। तब होम आइसोलेशन में रहकर ही उन्होंने इस वायरस से जंग जीती थी। इस बार भी कुछ दिनों पहले जब वे बैंक में अपना कार्य कर रहे थे। अचानक से काफी बुखार हो गया। कोरोना संबंधित और भी कुछ लक्षण दिखने पर तत्काल ही उन्होंने अपनी जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव था। उन्होंने बैंक में काम करने वाले सहकर्मियों को इसकी सूचना दी व चिकित्सकों की सलाह पर मोतिहारी स्थित अपने घर पर आइसोलेट हो गए। इस दौरान उनके लिए सबसे बड़ी चिता परिवार वालों तक संक्रमण नहीं पहुंचे इसकी थी। इसके लिए उन्होंने पूरा एहतियात बरता। इस बीच चिकित्सकों द्वारा बताए गए दवाओं के साथ ही घरेलू उपचार भी जारी रखा। रोज तीन टाइम गर्म पानी का भाप, सुबह व रात को हल्दी मिला दूध, गिलोय व तुलसी का काढ़ा नियमित लेते थे। इस बार महामारी से लड़ने में उनका पिछले साल वाला अनुभव काफी काम आया। एक पल को भी न तो वे परेशान हुए न ही हौसला खोया। आइसोलेशन के शुरू के दिनों में कुछ खालीपन जरूर महसूस हुआ। लेकिन फिर उन्होंने हालात से सामंजस्य बैठा लिया। मोबाइल पर मनपसन्द फिल्में देखकर समय बिताने लगे। इसके साथ ही नियमित रूप से योग भी करते रहें। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ और वे आज वायरस को मात देकर पूरी तरह ठीक हो गए हैं। हालांकि चिकित्सकों की सलाह पर अगले कुछ दिनों तक आइसोलेशन में ही रहेंगे। अभिषेक बताते हैं कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। अगर कोई संक्रमण की चपेट में आ भी जाता है घबराने की जरूरत नहीं है। चिकित्सकों की सलाह को अपनाकर व स्वस्थ्य दिनचर्या अपनाकर आराम से इस बीमारी को मात दिया जा सकता है।