160 किमी रफ्तार के साथ दरभंगा-जयनगर रूट पर प्राइवेट ट्रेनों का संचालन आसान नहीं, बदलनी होगी पटरी

दरभंगा। रेलवे जल्द ही 151 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की योजना बना रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 01:24 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 06:12 AM (IST)
160 किमी रफ्तार के साथ दरभंगा-जयनगर रूट पर प्राइवेट ट्रेनों का संचालन आसान नहीं, बदलनी होगी पटरी
160 किमी रफ्तार के साथ दरभंगा-जयनगर रूट पर प्राइवेट ट्रेनों का संचालन आसान नहीं, बदलनी होगी पटरी

दरभंगा। रेलवे जल्द ही 151 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की योजना बना रही है। दरभंगा सहित देश के 109 रूटों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की योजना है। रेलवे ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। रेलवे ने कहा कि इसमें निजी क्षेत्र पैसा लगाएगा। बता दें कि इंडियन रेलवे के रेल नेटवर्क पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए प्राइवेट इंवेस्टमेंट के लिए उठाया जाने वाला यह पहला कदम है। फिलहाल आईआरसीटीसी तीन ट्रेनों का परिचालन कर रहा है। इसमें वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस, लखनऊ-नई दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस शामिल है। बता दें कि दरभंगा-समस्तीपुर-जयनगर रेल रूट पर वर्तमान में दोहरीकरण और विद्युतीकरण का काम पूरा किया जा रहा है। फिलहाल कुछ ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जा रही है। दोहरीकरण कार्य पूरी तरह खत्म होने के बाद इन रूटों पर परिचालित होने वाली सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से जोड़ने की जरूरत है। इसी बीच दरभंगा से तीन प्राइवेट ट्रेन चलाने की योजना को ले स्थानीय लोगों सहित रेल कर्मियों और अधिकारियों के बीच दिलचस्पी देखी जा रही है। रेलवे दरभंगा-गुवाहाटी, दरभंगा-मुंबई, दरभंगा आनंद विहार रूटों पर प्राइवेट ट्रेन चलाने की प्लानिग कर रहा है। इन ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रति घंटा बताई जा रही है। अब स्थानीय लोगों और रेल कर्मियों के बीच प्राइवेट ट्रेनों की रफ्तार को लेकर चर्चा आम हो गई है। वर्तमान में दरभंगा-समस्तीपुर रूट पर 80 किमी से लेकर 100 किमी के रफ्तार में ट्रेनें चल रही है। एक वरीय रेल इंजीनियर ने बताया कि दरभंगा-समस्तीपुर-जयनगर रूट पर 68 केबी की पटरियां लगी है। 160 किमी रफ्तार के साथ ट्रेनों को चलाने के 72 केबी की पटरियां लगाने की जरूरत पड़ेगी। साथ ही पटरियों के बीच लगे स्लीपरों को भी बदलना होगा।

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प्राइवेट ट्रेनों में होंगे 16 डिब्बे :

रेलवे के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि ट्रेनों के 109 मार्गों को भारतीय रेलवे नेटवर्क के 12 सेक्शन में रखा गया है। प्रत्येक ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे होंगे। रेलवे के अनुसार, इनमें से ज्यादातर आधुनिक ट्रेनों का निर्माण भारत में 'मेक इन इंडिया' के तहत होगा और इसे चलाने वाले प्राइवेट कंपनी ही उसके मेंटेनेंस, खरीद और ट्रांसपोर्टेशन के लिए जिम्मेदार होगी।

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