वायु सैनिकों का शौर्य देख पायलट बनने की जगी ललक
चार हेलीकॉप्टर और 12 पंखियों पर टिकी हजारों निगाहें। मन के आकाश में उड़ान भर रहे नन्हें-नन्हें बच्चे हेलीकॉप्टर को नजदीक से देखने को बेकरार दिख रहे थे।
दरभंगा । चार हेलीकॉप्टर और 12 पंखियों पर टिकी हजारों निगाहें। मन के आकाश में उड़ान भर रहे नन्हें-नन्हें बच्चे हेलीकॉप्टर को नजदीक से देखने को बेकरार दिख रहे थे। यह नजारा सोमवार को वायुसेना केंद्र में देखने को मिला। आंखों में सपनों की उड़ान लिए विभिन्न निजी स्कूलों के हजारों स्कूली बच्चे इंडियन मिलिट्री के सारंग डिस्प्ले टीम का करतब देखने को बैचेन दिखे। न केवल स्कूली बच्चे बल्कि ग्रामीण परिवेश से महिलाओं और बच्चों की टोली उमड़ रही थी। चार दिवसीय हेलीकॉप्टर शो के तीसरे दिन एयरफोर्स के गेट नंबर एक से स्कूली बच्चे शिक्षकों की निगरानी में कतारबद्ध होकर रनवेकी ओर कूच कर रहे थे। रनवे के पास जमा युवाओं और महिलाओं की टीम पहले से ही अपनी जगह ले चुकी थी। इधर, लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी था। कोई मोटरसाइकिल तो कोई पांव पैदल ही रनवे की ओर भागता नजर आ रहा था। दिन के ठीक 10.30 बजे जैसे ही सारंग टीम रनवे के ऊपर उड़ान भरने को आई, तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। इसके बाद तो मानों लोगों के मन में बस पायलट बनने का सपना उड़ान भरने लगा। इधर, हवा में गोता लगा रही सारंग टीम के एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज कारनामे को देख लोग दांतों तले ऊंगली दबा रहे थे। करीब बीस मिनट तक चले शो के दौरान टीम ने दर्शकों को खूब रिझाया। सर के ऊपर से उड़ रहे हेलीकॉप्टर को इतना नजदीक से देखने का मौका मिथिलांचल के लोगों को पहली बार देखने को मिल रहा था। लोग इतने उत्साहित थे कि वे कभी रनवे की ओर भागते थे तो कभी हेलीकॉप्टर के पीछे। शो के खत्म होते ही जैसे यह उद्घोषणा की गई कि अब दर्शकों के बीच सारंग टीम के पायलट आएंगे, लोगों का उत्साह और भी चरम पर पहुंच गया। जैसे ही टीम के सदस्य दर्शकों के बीच पहुंचे, लोगों ने उनको चारों तरफ से घेर लिया। कोई हाथ पर ऑटोग्राफ ले रहा था तो कोई कागज पर। इतना ही नहीं, स्कूली बच्चों में से कईओं ने अपने परिचय-पत्र के पीछे पायलटों का ऑटोग्राफ भी लिया। वहीं युवतियों में से किसी ने रुमाल तो किसी ने दस के नोट तक पर ऑटोग्राफ लिया। इधर, ऑटोग्राफ देते-देते पायलटों के हाथ दुखने लगे।
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अंकल मुझे भी ऑटोग्राफ दो :
सारंग टीम के पायलटों की टोली को सैकड़ों की संख्या में स्कूली छात्रों ने घेर लिया। सब ऑटोग्राफ लेने को बैचेन दिख रहे थे। 10 की संख्या में आए पायलटों की टोली किसी बच्चे को निराश नहीं करना चाह रही थी। लिहाजा एक-एक कर सबको ऑटोग्राफ दिया गया। बच्चे इतने उत्साहित थे कि वे ग्राउंड छोड़कर जाना नहीं चाह रहे थे।
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बच्चों ने साझा किए अपने अनुभव :
एयर शो खत्म होने के बाद कई बच्चों ने अपने अनुभव टीम के समक्ष साझा किए। पूछा गया कि आप बड़े होकर क्या बनना चाहते है, इसपर किसी ने डॉक्टर तो किसी ने पायलट बनने की इच्छा जाहिर। टीम के करतब के बारे में जब पूछा गया तो कईयों ने बताया कि इस तरह के आयोजन प्रति महीने होने चाहिए।