शहर में मच्छरों से बचाव करनेवाली चार में से दो मशीनें खराब, समय पर फागिग नहीं
दरभंगा। शहर के चौक-चौराहों पर तमाम सफाई-व्यवस्था के बीच नगर निगम की लापरवाही शहरवासियों को बीमारी बांट रही है।
दरभंगा। शहर के चौक-चौराहों पर तमाम सफाई-व्यवस्था के बीच नगर निगम की लापरवाही शहरवासियों को बीमारी बांट रही है। गंदगी व जमा पानी में पैदा हो रहे मच्छर परेशानी का वजह हैं। मच्छर जनित रोगों का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। बावजूद इसके कि शहर के कुछ चुनिदा वार्डों में ही मच्छर से बचाव के लिए फागिग हो रही है। एक बार जिस इलाके में फागिग हो गई, वहां 25 दिन बाद दोबारा फागिग हो पाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक मच्छरों की औसत आयु लगभग 20 से 36 घंटे की होती है। इसके बाद मच्छर फिर से पैदा हो जाते हैं।
नगर निगम के पास पांच छोटी और दो बड़ी फागिग मशीन है। उनमें से दो एक साल से ़खराब पड़ी हुई है। तकनीकी विशेषज्ञ बताते हैं कि मशीन को मरम्मत के लिए पटना ले जाना होगा। यदि चारों मशीनें ठीक रहें तो शहर के 48 वार्डों में एक की बारी तेरहवें दिन आ सकती है। निश्चित समयावधि में फागिग का समय होने के कारण निगम प्रशासन को कम से कम 20 फागिग मशीनों की जरूरत है। वर्तमान में विभाग एक से 24 नंबर वार्ड तक एक मशीन तो 25 से 48 वार्ड तक दूसरी मशीन का उपयोग कर रहा है। बोले लोग : निगम की दवा से नहीं मर रहे मच्छर - वार्ड संख्या-बारह के निवासी राजकुमार, महेश कुमार मिश्रा, शक्ति नाथ झा ने बताते हैं कि क्षेत्र में एक तो लगातार फागिग होती नहीं है। यदि हो भी जाए तो उसका प्रभाव मच्छरों पर नहीं पड़ता है। जबतक धुएं का असर रहता है तबतक ही मच्छर भागा रहता है। शहर के पार्षद भी बताते हैं कि मच्छर से बचाव के लिए उपयोग में लाई जानेवाली दवा के मुद्दे को कई बार निगम की बैठक में उठाया गया। विभाग द्वारा इस मामले पर विचार नहीं किया जा रहा है। नगर आयुक्त द्वारा इस मामले की जांच करने की बात कही गई, लेकिन आज तक जांच रिपोर्ट का पता नहीं है।
फागिग के वक्त का रखना होगा ध्यान
मलेरिया विभाग विशेषज्ञ अधिकारी बताते हैं कि फागिग मशीन को सूर्योदय व सूर्यास्त के समय कुछ देर के लिए चलाया जाना है। यह मच्छरों की ब्रीडिग का समय होता है। इसी समय मच्छर जल्दी मरते हैं। फागिग की निश्चित समयावधि होने के कारण कर्मचारी चाहकर भी दो या तीन मशीन से पूरे शहर में फागिग नहीं कर पाते।
उप महापौर ने कहा- कागज पर हुआ सर्वे
निगर के उप महापौर बदरूजमा खां बताते हैं- जमीनी स्तर पर लापरवाही हो रही है। डेंगू के लार्वा का सर्वे शहर के विभिन्न वार्डों में नहीं हो पाया। दो महीने पहले निगम और मलेरिया विभाग ने इसके लिए टीम का गठन किया था। अबतक जानकारी नहीं हो पाई की वास्तविक स्थिति क्या है।
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