कोरोना काल में पर्यटन को लगा झटका, हजारों परिवारों के सामने उत्पन्न हुई रोजगार की समस्या

दरभंगा। दरभंगा पर्यटन की ²ष्टि से हमेशा देश और दुनिया में अपनी धार्मिक पौराणिक और ऐि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 12:06 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 12:06 AM (IST)
कोरोना काल में पर्यटन को लगा झटका, हजारों परिवारों के सामने उत्पन्न हुई रोजगार की समस्या
कोरोना काल में पर्यटन को लगा झटका, हजारों परिवारों के सामने उत्पन्न हुई रोजगार की समस्या

दरभंगा। दरभंगा पर्यटन की ²ष्टि से हमेशा देश और दुनिया में अपनी धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक विरासतों के कारण आकर्षण का केंद्र रहा है। पर्यटन के शानदार इतिहास के साथ इस जिले ने अपनी सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाया है। साथ ही हजारों परिवारों के लिए स्थाई रोजगार का भी सृजन किया है। पिछले दो साल से कोरोना की मार ने पर्यटन की पूरी व्यवस्था को ही उलट कर रख दिया है। मार्च 2020 में कोरोना के पहले लहर ने पर्यटन से जुड़े लोगों को करारा झटका दिया। 2021 आते-आते लोग अभी उबरते और संभावनाएं तलाशते तबतक कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। फिर भय और डर ने कारोबार प्रभावित कर दिया। अंत में लॉकडाउन ने। प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर दरभंगा में पयर्टन से करीब दो हजार से ज्यादा परिवार जुड़े हैं। कोई फूल बेचता है तो, कोई मिठाई, कोई पानी. कोई लस्सी। मतलब गरीबों के घर उजाले का साधन पर्यटन कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस महामारी ने घरेलू पर्यटन और यात्रा क्षेत्र की पूरी व्यवस्था की कमर तोड़ दी है। इस क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हजारों लोगों का कारोबार चौपट हो गया है। सभी के सामने आर्थिक संकट आन पड़ी है। रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।

फूल और लड्डू कारोबारियों के सामने आर्थिक मंदी

जिले के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर, अहिल्यास्थान, बाबा कुशेश्वरस्थान समेत जिले के तीन दर्जन से अधिक पर्यटक स्थल से जुड़े फूल, लड्डू, होटल, रेस्टोरेंट आदि कारोबारियों के कारोबार ठप पड़े हैं। इन्हें रोजाना लाखों रुपये का नुकसान उठाना पर रहा है। बता दें कि शहर के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर में पूरे उत्तर बिहार समेत नेपाल तक के लोग मां श्यामा के दर्शन को आते हैं।

बाबा कुशेश्वरधाम बंद, टूरिज्म से जुड़े पांच सौ से अधिक परिवार प्रभावित

बाब कुशेश्वरस्थान मंदिर को मिथिला का बाबा धाम कहा जाता है। सूबे के सभी जिलों के अलावा नेपाल तक के लग बाबा के दर्शन को मंदिर आते हैं। कुशेश्वरस्थान बाजार स्थित मंदिर में पांच सौ से अधिक व्यापारी मंदिर आने वाले भक्तों पर निर्भर रहते हैं। भक्तों के लिए कुशेश्वरस्थान में प्रसाद,फूल-बेलपत्र समेत खाने-पीने से लेकर होटलों में ठहरने तक की सुविधा मुहैया है। वर्तमान में लॉकडाउन लागू होने के चलते सभी व्यापारियों के व्यापार ठप परे हैं। रोजाना लाखों का नुकसान उठाना पर रहा है। शहर के बीच दोनों संग्रहालयों में ताला लगा, कई की जीविका प्रभावित : कोरोना के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन के कारण म्यूजियम गुमटी स्थित महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय और चंद्रधारी संग्रहालय दोनों बंद है। मिथिलांचल के मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी के अलावा सूबे के सभी जिलों, नेपाल के अलावा अमेरिका से भी यहां पर्यटक आते रहे हैं। पर्यटकों के नहीं आने से म्यूजियम गुमटी स्थित फूल, गुलदस्ते समेत होटल-रेस्टोरेट से जुड़े कारोबारियों का व्यवसाय ठप है। इन दोनों संग्रहालयों से एक दर्जन व्यवसायी सीधे जुड़े हैं। अब इन सभी के सामने घर-परिवार चलाने का संकट देखा जा सकता है। लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्र ने कहा कि संग्रहालय में सामान्य दिनों में प्रत्येक दिन औसतन दो सौ पर्यटक आते हैं। खासकर जाड़े के समय में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। वहीं चंद्रधारी संग्रहालय में औसतन प्रत्येक दिन चार सौ पर्यटक आते हैं। जिले में पर्यटन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है।

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