दीक्षा समारोह में मिथिला के पारंपरिक पाग का होगा उपयोग

कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह में मालवीय पगड़ी की जगह मिथिला के पारंपरिक पाग का उपयोग होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 12:21 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 12:21 AM (IST)
दीक्षा समारोह में मिथिला के पारंपरिक पाग का होगा उपयोग
दीक्षा समारोह में मिथिला के पारंपरिक पाग का होगा उपयोग

दरभंगा । कामेश्वर ¨सह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह में मालवीय पगड़ी की जगह मिथिला के पारंपरिक पाग का उपयोग होगा। राज्यपाल, कुलपति समेत समारोह में शामिल होने वाले सिनेट, ¨सडिकेट, एकेडमिक काउंसिल के सदस्य एवं छात्र पाग का ही उपयोग करेंगे। राजभवन ने इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही विवि के ¨सडिकेट से मानद उपाधि को लेकर पारित प्रस्ताव को भी राजभवन ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. ¨वदेश्वर पाठक, पुरी उड़ीसा के सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. हरिहर झा, वाराणसी के सेवानिवृत प्राचार्य प्रो. कृष्ण चंद्र द्विवेदी व संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति प्रो. मुनिश्वर झा मानद उपाधि दी जाएगी। दीक्षांत समारोह के आयोजन समिति के अध्यक्ष व सीसीडीसी डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने पुष्टि करते हुए बताया कि राज्यपाल समारोह के दौरान सफेद रंग के पाग, क्रीम कलर की बंडी व पीले अंगवस्त्र में दिखेंगे। राज्यपाल को छोड़कर कुलपति, प्रतिकुलपति समेत अन्य सभी लोग लेमन येलो कलर का पाग व पीला अंगवस्त्र धारण करेंगे। हालांकि बंडी का रंग अलग-अलग होगा। कुलपति व प्रतिकुलपति गोल्डन कलर के बंडी में रहेंगे। मुख्य अतिथि नारंगी बंडी, मानद उपाधि पाने वाले नेवी ब्लू बंडी को धारण करेंगे। रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक व संकायाध्यक्ष आसमानी रंग का बंडी जबकि विद्वत शोभायात्रा में शामिल होने वाले अन्य सदस्य ईंट रंग की बंडी पहनेंगे। समारोह में शामिल होने वाले छात्र सफेद कुर्ता-पायजामा या सफेद कुर्ता-धोती पर पाग धारण करेंगे। वहीं छात्राएं सफेद सलवार व लेमन येलो कलर का कुर्ता या लेमन येलो कलर की लाल बॉर्डर वाली साड़ी लाल ब्लाउज पहनेंगी।

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