उपेक्षित है शहर का ऐतिहासिक लक्ष्मीसागर तालाब
वार्ड नंबर 15 के दुर्गा मंदिर स्थित लक्ष्मीसागर तालाब का इतिहास काफी समृद्ध है। यह शहर के ऐतिहासिक तालाबों में शामिल है।
दरभंगा । वार्ड नंबर 15 के दुर्गा मंदिर स्थित लक्ष्मीसागर तालाब का इतिहास काफी समृद्ध है। यह शहर के ऐतिहासिक तालाबों में शामिल है। इस तालाब की खुदाई दरभंगा महाराज ने कराई थी। जानकारों का कहना है कि कभी तालाब के इर्द-गिर्द जंगल था। बाहर से ऋषि मुनी तालाब के किनारे रहते थे। साथ ही तालाब में स्नान कर पूजा पाठ किया करते थे। धार्मिक ²ष्टिकोण से भी इस तालाब का विशेष महत्व है। यह तालाब लगभग दस बीघा में है। तालाब के नाम से ही मोहल्ले का नाम लक्ष्मीसागर रखा गया। लेकिन, वर्तमान में यह तालाब गंदगी व अतिक्रमण का शिकार हो रहा है। वार्ड 15 की पार्षद सुचित्रा रानी का कहना है कि इसके जीर्णोद्धार के दिशा में सरकारी स्तर पर किसी तरह का सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। शहर के ऐतिहासिक तालाबों में शामिल होने के बावजूद वर्षो से साफ-सफाई नहीं की गई है। इस संबंध में निगम प्रशासन को कई बार कहा गया है। वहीं अतिक्रमण की वजह से भी यह तालाब सिकुड़ता जा रहा है। कभी अपनी कंचन जल के लक्ष्मीसागर तालाब जिला में जाना जाता था। स्थानीय निवासी अमर कुमार ने बताया कि पूर्व के समय में इस तालाब का जल इतना पवित्र था कि लोग इसका पेयजल के रूप में उपयोग करते थे। लेकिन, धीरे-धीरे तालाब गंदगी से पट गया। साथ ही कचरे का अंबार लग गया। इस वजह से तालाब का जल पीने योग्य नहीं रह गया। उन्होंने तालाब के जीर्णोद्धार व अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग प्रशासन से की। वहीं श्याम कुमार ने बताया कि ऐतिहासिक तालाब होने के बावजूद यह उपेक्षित है। जल्द से जल्द तालाब का जीर्णोद्धार होना चाहिए। रीडर कनेक्ट के लिए-99397 37239