रात 12 बजते ही शहर बोला 'हैप्पी न्यू ईयर'

घड़ी की सूई ने जैसे ही रात के 12 बजने का इशारा किया हर तरफ बाय-बाय 2020 और हैप्पी न्यू ईयर की गूंज होने लगी। गुजरते साल को विदा देने और नए साल के स्वागत करने के लिए लोगों का हुजूम जश्न मनाने में जुट गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 01:41 AM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 01:41 AM (IST)
रात 12 बजते ही शहर बोला 'हैप्पी न्यू ईयर'
रात 12 बजते ही शहर बोला 'हैप्पी न्यू ईयर'

दरभंगा । घड़ी की सूई ने जैसे ही रात के 12 बजने का इशारा किया हर तरफ बाय-बाय 2020 और 'हैप्पी न्यू ईयर' की गूंज होने लगी। गुजरते साल को विदा देने और नए साल के स्वागत करने के लिए लोगों का हुजूम जश्न मनाने में जुट गया। सभी को इंतजार था 12 बजने का। लोग खुशी से झूमने लगे। जगह-जगह जोरदार आतिशबाजी होने लगी। कड़ाके की ठंड के बावजूद सड़कों पर निकल कर पटाखों एवं हैप्पी न्यू ईयर के शोर से सबने नए साल का स्वागत किया। बधाई देने का सिलसिला भी एकबारगी तेज हो गया। मोबाइल व वीडियो कॉलिग से अपने सगे-संबंधियों, दोस्तों एवं स्वजनों को नव वर्ष की मुबारकबाद दी जाने लगी। उधर, कुछ युवाओं की टोली रात में सड़कों पर निकल कर धमाल मचाती नजर आई। डीजे एवं लाउडस्पीकर का शोर अलग छाया रहा। नए साल के जश्न में होटल, रेस्टोरेंट, पार्क व पिकनिक स्पॉट सज-धजकर तैयार हैं। मठ-मंदिरों की भी आकर्षक सजावट हुई है। हर तरफ मनोहारी छटा बिखर रही है।

कोरोना काल के बीच घरों में बनेंगे लजीज व्यंजन : कोरोना संक्रमण के बीच शहरवासी एक जनवरी को यादगार बनाने की जुगत में लग गए हैं। नववर्ष को लोग अपने-अपने तरीके से यादगार बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। धार्मिक विचारधारा वाले लोग साल के पहले दिन को विभिन्न मंदिरों में पूजा पाठ कर सुख शांति और समृद्धि की कामना करने की सोच रहे हैं। सैर-सपाटे के लिए आसपास के पिकनिक स्पॉट पर जाने वालों की अलग टोलियां हैं। कोई अपने घरों में ही लजीज व्यंजन के साथ नए साल का स्वागत करने की सोच रहा है।

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इन दर्शनीय स्थलों पर आज जुटेगी भीड़, जश्न में डूबेंगे लोग

आज शहर के लोग चंद्रधारी संग्रहालय, दरभंगा राज परिसर, श्यामा मंदिर, मनोकामना मंदिर, कुशेश्वरस्थान, अहिल्या स्थान आदि जगहों पर लोगों की भीड़ जुटेगी। बता दें कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर इन जगहों कोविड-19 प्रोटोकॉल को अनिवार्य किया गया है।

पुलिस प्रशासन चौकस

नववर्ष पर गड़बड़ी को लेकर पुलिस प्रशासन चौकस है। ट्रैफिक डीएसपी बिरजू पासवान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच नया साल मनाया जा रहा है। सभी को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। भीड़ नियंत्रण को लेकर जगह-जगह ट्रैफिक बल तैनात किए गए हैं।

नए साल में पूरे दरभंगा को मिले कई तोहफे

नए साल में दरभंगा को कई तोहफे मिले। इससे पूरे उत्तर बिहार के लोग लाभान्वित हुए हैं। मिथिला को सबसे बड़ा तोहफा दरभंगा एयरपोर्ट शुरू के रूप में मिला है। एयरपोर्ट शुरू होने से सूबे के 22 जिलों के लोगों को इससे फायदा पहुंच रहा है। वर्तमान में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू के लिए विमान सेवा शुरू है। वहीं हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे के लिए भी विमान सेवा बहाल होगी। वहीं दूसरी और दरभंगा में एम्स को मंजूरी मिली है। यह मिथिलावासियों समेत नेपाल और पूरे उत्तर बिहार के लोगों के लिए लाभदायक है। साथ ही डीएमसीएच में मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल बनकर तैयार है।

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साइकिल गर्ल ज्योति को देश-विदेश में मिली पहचान

कोरोना संक्रमण के बीच हरियाणा के गुरुग्राम से 12 सौ किमी सफर कर साइकिल से अपने बीमार पिता अपने गांव लेकर आने वाली ज्योति कुमारी की पहचान देश-विदेश तक हुई। जिले के कमतौल प्रखंड के सिरहुल्ली गांव के मोहन पासवान की पुत्री ज्योति कुमारी के हौसले ने उसे विदेशों तक चर्चित बना दिया। कोरोना संक्रमण के दौरान साइकिल से 12 सौ किमी सफर कर गांव पहुंच ज्योति की हौसले की कहानी सुनते ही उसके घर पर लोगों की भीड़ लगने लगी थी। ज्योति के पिता मोहन पासवान कहते हैं, जब लोगों को इस बात का पता चला कि मेरी बेटी ज्योति मुझको साइकिल पर बिठाकर घर लाई है । तो घर पर लोगों का तांता लगने लगा था। न जाने कौन-कौन से लोग उनके घर आए थे। वो ज्योति से मिलना चाहते थे। उसे तोहफ़े देते थे। तमाम तरह के प्रस्ताव आ रहे थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने इंटरनेट पर इसकी जानकारी साझा की थी। कहा था साइकिल गर्ल के हौसले से सभी को सीख लेने की जरूरत है।

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कोरोना वारियर्स जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में दी मौत को मात

शहर के भगवानदास मोहल्ला के रहने वाले मेडिकल लैब टेक्नीशियन अकील अहमद पूरे कोरोना काल में मौत को मात देकर डीएमसीएच में कोरोना जांच सैंपल लेकर हजारों मरीजों की जान बचाई। अकील कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में अपने परिवार से दूर रहकर कोरोना वारियर्स की भूमिका को बखूबी निभाई। दैनिक जागरण से बातचीत में अकील अहमद कहते हैं, , जब लोग कोरोना महामारी में अपने घर से बाहर नहीं निकलते थे तब, वह कोरोना फ्रंट लाइन वारियर्स के रूप में काम करते थे। पूछने पर कि कोरोना संदिग्ध मरीजों का जांच सैंपल लेने में डर नहीं लगता था। जवाब देते हैं, जान हथेली पर रख कर इस वायरस से लड़ते रहें हैं, कहा मैनें जिले के पहले पॉजिटिव मरीज का जांच सैंपल ले चुका हूं। इतना ही नहीं जिला स्तरीय क्विक रिस्पांस टीम में भी कार्य कर चुका हूं। जिसमें मुंबई से सिंहवाड़ा आए, दिल्ली से बहेड़ी आए, पटना से बहादुरपुर आए डेड बॉडी का डेड बॉडी डिस्पोजेबल गाइडलाइन के अनुरूप जांच सैंपल लिया था। इनके कार्य की सराहना करते हुए कमिश्नर, जिलाधिकारी, जिला जज, सीजेएम, वरीय पुलिस अधीक्षक, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समेत कई पदाधिकारियों ने कोरोना योद्धा सम्मान पत्र से सम्मानित किया है।

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