लाखों की अवैध कमाई के खेल में अधीक्षण अभियंता अकेले नहीं, कई अन्य अभियंताओं पर कसेगा शिकंजा

दरभंगा। दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग- टू के कार्यपालक अभियंता सह प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कु

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 12:07 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 12:07 AM (IST)
लाखों की अवैध कमाई के खेल में अधीक्षण अभियंता अकेले नहीं, कई अन्य अभियंताओं पर कसेगा शिकंजा
लाखों की अवैध कमाई के खेल में अधीक्षण अभियंता अकेले नहीं, कई अन्य अभियंताओं पर कसेगा शिकंजा

दरभंगा। दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग- टू के कार्यपालक अभियंता सह प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी व दरभंगा स्थित आवास पास से 67 लाख की बरामदगी के बाद उनकी टीम के अन्य अभियंताओं पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। जांच की गति को बढ़ाने के लिए गुरुवार को विजिलेंस विभाग के अधिकारियों की पटना में बैठक होने वाली है। इस सूचना से सहायक और कनीय अभियंताओं में हड़कंप मचा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर विभागीय अभियंता बताते हैं- उन्हें जांच के नाम से ही डर लग रहा है। अब भगवान ही मालिक है। बता दें कि इस पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई विभाग कर रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने 15 सितंबर को स्पष्ट रूप से कार्यपालक अभियंता से कनीय अभियंता तक के कार्यों की जांच करने का आदेश दिया था। इसके तहत दो अलग-अलग टीम दरभंगा और मधुबनी जिले में गोपनीय जांचकर वापस लौट चुकी है। अब आगे कैसे जांच की जाएगी इसकी रूप रेखा बैठक में तय होगी।

इधर, बड़ी कार्रवाई होने की आशंका से अभियंताओं व फेक संवेदकों की बेचैनी बढ़ गई है। दरअसल, यह पूरा खेल एफडीआर योजना में खेले जाने की बात सामने आ रही है। एक अरब 15 करोड़ की राशि से दरभंगा अंचल के दरभंगा और मधुबनी जिले के नौ डिविजनों में 532 सड़कों की मरम्मत कराई गई है। लेकिन, अधिकांश डिविजन के फेक संवेदकों को अबतक किए गए कार्यों का भुगतान नहीं किया गया है। हालांकि, संवेदकों से कमीशन की राशि जमा करा ली गई है। यही कारण है कि संवेदक सबसे अधिक परेशान हैं। जांच से सभी को अपनी जमा पूंजी डूबने का डर सता रहा है। कई संवेदक मन ही मन पछता रहे हैं । कार्यालय सूत्रों की माने तो संवेदकों से 36 प्रतिशत कमीशन लिया गया है। इसमें अधीक्षण अभियंता के नाम पर 15 प्रतिशत, कार्यपालक अभियंता के नाम पर दस प्रतिशत, चार प्रतिशत सहायक अभियंता, पांच प्रतिशत कनीय अभियंता और दो प्रतिशत कार्यालय के नाम पर नकद राशि ली गई है।

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प्रखंड व पंचायत स्तर पर बनाई जा रही सूची :

जांच टीम को एफडीआर योजना से जुड़ी पूरी सूची उपलब्ध कराई गई है। बताया जाता है कि जांच टीम इसका अध्ययन कर प्रखंड व पंचायत स्तर पर सूची बनाने में जुटी है। ताकि, स्थलीय निरीक्षण दौरान टीम को संबंधित सड़क तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो। हालांकि, सूची में कई ऐसी सड़कों का नाम मिला है जिसमें न तो गांव का नाम उल्लेख है और न ही प्रखंड का। ऐसी स्थिति में जांच टीम में विभाग से पत्राचार कर सकती है।

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दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग टू में सबसे अधिक मचा है हड़कंप :

दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग टू में 227 सड़कों की मरम्मति कराई गई है। इसमें 21 करोड़ 59 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें वह सड़कें भी शामिल हैं जो हाल के दिनों में बनी हैं। कुछ का निर्माण कार्य भी चल रहा हैं। उन सड़कों की भी मरम्मत कराई गई है। जिन सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ा भी नहीं उसे भी एफडीआर योजना में शामिल कर लिया गया। यह मामला प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोग भी हैरान हैं।

------- जमानत पर हैं प्रभारी अधीक्षण अभियंता, कार्यालय में पसरा है सन्नाटा :

प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं। बावजूद, अधीक्षण अभियंता सहित ग्रामीण कार्य विभाग टू के कार्यालय में सन्नाटा पसरा है। संबंधित कई अधिकारी लगातार कार्यालय से बाहर हैं। पूछने पर बताया जाता है कि क्षेत्र में हैं। बता दें कि प्रभारी अधीक्षण अभियंता स्कार्पियो गाड़ी से 28 अगस्त को पटना जा रहे थे। इस बीच मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाने के फकुली ओपी पुलिस ने वाहन जांच दौरान उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने उनके दरभंगा आवास सहित पटना के दो घरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान दरभंगा के बहादुरपुर थानाक्षेत्र के बरहेता रोड स्थित उनके आवास से 49 लाख रुपये के साथ लगभग दो दर्जन संपत्ति के दस्तावेज, डायरी, लैपटाप, बाउंड, सादा स्टाम्प पेपर आदि बरामद किए गए थे। इसमें भूमि व भवन से संबंधित दस्तावेज अलग-अलग नामों से मिले थे। मुजफ्फरपुर पुलिस ने सभी दस्तावेजों और लैपटाप को आर्थिक अपराध इकाई को सौंपते हुए अधीक्षण अभियंता को जामनत पर छोड़ दिया था।

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