जिले में 4 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिग, आठ हजार लिए गए नमूने

दरभंगा। जिले में जून के अंत तक चार लाख से अधिक कोरोना के संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिग की गई है। इसमें से अभी तक आठ हजार से अधिक संदिग्ध मरीजों के स्वाब के नमूने जांच के लिए गए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 12:10 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 12:10 AM (IST)
जिले में 4 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिग, आठ हजार लिए गए नमूने
जिले में 4 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिग, आठ हजार लिए गए नमूने

दरभंगा। जिले में जून के अंत तक चार लाख से अधिक कोरोना के संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिग की गई है। इसमें से अभी तक आठ हजार से अधिक संदिग्ध मरीजों के स्वाब के नमूने जांच के लिए गए। इसमें से 306 पॉजिटिव मरीज मिल चुके है। स्क्रीनिग का आंकड़ा बता रहा है कि सतही जांच नही होने के कारण कोरोना का यह मामला बढ़ा है। यदि सतही जांच होती तो आज कोरोना पॉजिटिव का यह मामला देखने को नही मिलता। लोगों की स्क्रीनिग जांच की जिम्मेवारी आशा और अन्य कर्मियों को दी गई थी। इसमें से अधिकांश कर्मी घर-घर जाकर नाम-पता पूछकर बाहर से ही चले आते थे। केंद्र सरकार से पहले सूची में जिला के दो लाख लोगों की सूची उपलब्ध कराई गई थी। इसके बाद फिर करीब दो लाख लोगों की स्क्रीनिग कराने का लक्ष्य दिया गया था। इस सूची में पैरवीकार लोग घरों में रहते ही उसे टरका देते थे। यहीं हाल प्रवासी मजदूर के मामले में भी उजागर हुआ। इसमें भी पैरवीकार लोग क्वारंटाइन के नाम पर घर पर ही मौज करते थे। ऐसे लोग कर्मियों को धमकाते भी थे। कई दिनों तक घर में लक्षण लेकर रहते हुूए ऐसे लोग अपने परिवार को संक्रमित कर रहे थे। परिवार से गांव में यह संक्रमण फैल रहा था। जब ऐसे गंभी मरीजों के नमूने लिए गए तो जांच से लोगों की लापरवाही का खुलासा होता चला गया। यही कारण है कि वर्तमान में दोबारा घर-घर हरेक लोगों की जांच हो रही है। इसमें नई गाइडलाइन के अनुसार, 60 साल से अधिक आयु, गर्भवती, प्रवासी कामगार और बच्चों पर विशेष जोर दिया गया है। इस संबंध में पूछने पर कई बार सिविल सर्जन के सरकारी नंबर पर प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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