निर्माण के कुछ दिन बाद ही क्षतिग्रस्त होने लगी सड़कें, नहीं हो रही मरम्मत

बेनीपुर नगर परिषद क्षेत्र के 29 वार्डों में पिछले पांच-छह वर्षों में करोडों रुपये की लागत से पीसीसी सड़कों का निर्माण तो करवाया गया लेकिन गुणवत्तापुर्ण कार्य नहीं होने के कारण अधिकांश सड़कें कुछ ही दिनों के बाद जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त होती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 May 2019 01:40 AM (IST) Updated:Fri, 10 May 2019 06:30 AM (IST)
निर्माण के कुछ दिन बाद ही क्षतिग्रस्त होने लगी सड़कें, नहीं हो रही मरम्मत
निर्माण के कुछ दिन बाद ही क्षतिग्रस्त होने लगी सड़कें, नहीं हो रही मरम्मत

दरभंगा । बेनीपुर नगर परिषद क्षेत्र के 29 वार्डों में पिछले पांच-छह वर्षों में करोडों रुपये की लागत से पीसीसी सड़कों का निर्माण तो करवाया गया, लेकिन गुणवत्तापुर्ण कार्य नहीं होने के कारण अधिकांश सड़कें कुछ ही दिनों के बाद जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त होती जा रही है। बताया जाता है कि सड़कों का निर्माण कार्य करवाने में डुडा के अभियंताओं ने अहम भूमिका निभाई थी। विगत तीन-चार वर्षों में दर्जनों पथों का निर्माण कार्य नगर परिषद कार्यालय के द्वारा करवाया गया था, तो एक दर्जन से अधिक पथों का निर्माण कार्य करवाने के लिए नगर परिषद कार्यालय ने डुडा को अधिकृत किया था। लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण कार्य में स्थल पर करवाए गए कार्यों का प्राक्कलन अभियंताओं द्वारा लागत से डेढ़ गुणा ज्यादा बनाकर सरकारी रुपयों की जमकर बंदरबांट की गई। प्राक्कलन के मुताबिक सड़कों का निर्माण कार्य नहीं हुआ, जिसके कारण निर्माण होने के कुछ दिनों बाद से ही क्षेत्र के बेनीपुर करहरी, घेरुख, मझौड़ा, बहेड़ा, कजियाना, चौगमा आदि गांवों के विभिन्न वार्डों में सड़कें जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त होने लगी। सबसे खराब स्थिति आशापुर-बहेडा पथ की हो चुकी है। इस सड़क पर चलना जानलेवा बन चुका है। इस पथ का निर्माण कार्य लाखों रुपये की लागत से हुआ था, लेकिन यह पथ निर्माण के तीन-चार माह बाद ही जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हो गया। जब स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी व प्रमंडलीय आयुक्त से की तो ठेकेदार उक्त पथ के निर्माण को अधूरा छोड़कर भाग गए। उसके बाद से पिछले चार वर्षों से सड़क उसी हालत में पड़ी है। लोगों को इस क्षतिगस्त पथों पर आवागमन करने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। यही हाल बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल से करहरी जाने वाली पथ का है। यह पथ निर्माण होने के कुछ ही दिन बाद क्षतिग्रस्त हो गई।

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मरम्मत नहीं होने से जानलेवा बनी सड़कें :

दिलचस्प बात तो यह है की इन सड़कों के रखरखाव मद में ठेकेदारों के एमबी को अभियंताओं द्वारा बुक करने के समय कुल राशि का पांच प्रतिशत इसलिए काटकर रखा गया था की ठेकेदार पथों को क्षतिग्रस्त होने पर उसका मरम्मत करवा सके, लेकिन एक भी पथों में अभी तक रखरखाव मद की काटकर रखे गए रुपये खर्च नहीं किए जाने की बात सामने आई है। अधिकांश संवेदकों का कहना है कि बेनीपुर नगर परिषद के अधीन सड़क निर्माण कार्य करवाने में पदाधिकारियों व अभियंताओं द्वारा कमीशन लेने की रेट हाई रहने के बावजूद उनलोगों ने वार्डों में सही ढ़ंग से सड़कों का निर्माण कार्य करवाया था। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार का कहना है की

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