संस्कृत विवि में जांच करने पहुंची राजभवन की टीम ने वीसी-प्रोवीसी से की पूछताछ
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार को राजभवन से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा पर लगाए गए आरोपों की जांच की। जांच कमेटी दिन के करीब साढ़े ग्यारह बजे विश्वविद्यालय पहुंची और करीब सवा दो बजे वापस रवाना हो गई।
दरभंगा । कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार को राजभवन से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा पर लगाए गए आरोपों की जांच की। जांच कमेटी दिन के करीब साढ़े ग्यारह बजे विश्वविद्यालय पहुंची और करीब सवा दो बजे वापस रवाना हो गई। कमेटी में राजभवन के एडिशनल सेक्रेटरी विजय कुमार, शिक्षा विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी सतीश चंद्र झा व राजभवन के लॉ ऑफिसर आरवीएस परमार शामिल थे। पूर्व सूचना पर कमेटी के लिए विवि के अतिथिशाला में व्यवस्था की गई थी। जांच कमेटी ने सबसे पहले विवि के प्रतिकुलपति प्रो. चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह से बातचीत की। प्रतिकुलपति की ओर से राजभवन को दी गई शिकायतों की बाबत जांच कमेटी ने उनसे पूछताछ की। प्रतिकुलपति प्रो. सिंह ने अपने आरोपों के समर्थन में जांच कमेटी को कई तथ्यों से अवगत कराया। इसके बाद जांच कमेटी ने कुलपति प्रो. झा को भी तलब किया। कुलपति से भी कई सवाल पूछे गए। हालांकि, जांच कमेटी को शिकायतकर्ताओं से भी मिलना था, लेकिन प्रतिकुलपति को छोड़ किसी अन्य शिकायतकर्ता से जांच कमेटी रूबरू नहीं हो सकी। इधर, जांच कमेटी के आगमन से विवि महकमे में खलबली मची रही। सूत्रों का कहना है कि जांच कमेटी 17 बिदुओं पर पड़ताल कर रही है। इसमें विभिन्न शिकायतकर्ताओं की ओर से उठाए गए मामले शामिल हैं। हालांकि, इन 17 बिदुओं में क्या-क्या मामले हैं, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। जांच कमेटी के सदस्य मीडिया से बात करने से कतराते रहे। विवि के कोई अधिकारी या कर्मी भी कुछ बोलने से परहेज करते रहे। कुलपति पर लगाए गए आरोपों में फंड डाइवर्शन, अवैध तरीके से प्रोन्नति, अवैध भुगतान, पटना के डाटा सेंटर को गलत ढ़ंग से भुगतान, संबद्ध कॉलेजों में नियुक्ति को लेकर रोस्टर का क्लीयर नहीं होना, मनमाने ढ़ंग से संबद्ध कॉलेजों में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि (यूआर) का चयन आदि शामिल है। इधर, जांच की प्रक्रिया को लेकर शिकायतकर्ताओं में असंतोष है। उनका कहना है कि जांच कमेटी के आने का कार्यक्रम जारी नहीं किया गया जिसके कारण वे कमेटी के समक्ष अपना पक्ष नहीं रख सके। राज्यपाल व राष्ट्रपति के समक्ष कुलपति की शिकायत करने वाले विरेंद्र पासवान ने कहा कि उन्हें जांच कमेटी के आने की कोई सूचना ही नहीं दी गई। सूत्रों की मानें तो प्रतिकुलपति व एमएलसी अर्जुन सहनी को गुरुवार की शाम कमेटी के आगमन की सूचना कुलसचिव ने पत्र के माध्यम से दी। हालांकि, जब प्रतिकुलपति ने कुलसचिव से पत्र के बाबत दूरभाष पर पूछा तो कुलसचिव पत्र के बारे में किसी भी जानकारी से सीधे इनकार कर गए। शिकायतकर्ताओं की मानें तो जांच कमेटी के नाम पर खानापूरी की गई है। बिहार प्रदेश संस्कृत विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार ने कहा कि वे इस मामले को लेकर सोमवार को राजभवन जा रहे हैं। यदि जांच निष्पक्ष नहीं हुई तो वे राजभवन में ही आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
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