बबलू हत्याकांड के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग, दो गिरफ्तार
दरभंगा। बहेड़ा थानाक्षेत्र के वार्ड संख्या-दो में सोमवार को घनश्याम झा उर्फ बबलू हत्याकांड में हत्यारों की गिरफ्तारी व मुआवजे के लिए स्वजन व ग्रामीणों ने बहेड़ा-बहेड़ी के मुख्य मार्ग को जाम कर दिया।
दरभंगा। बहेड़ा थानाक्षेत्र के वार्ड संख्या-दो में सोमवार को घनश्याम झा उर्फ बबलू हत्याकांड में हत्यारों की गिरफ्तारी व मुआवजे के लिए स्वजन व ग्रामीणों ने बहेड़ा-बहेड़ी के मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। सड़क जाम के कारण घंटे भर के लिए अफरा-तफरी मच गई। आवागमन बाधित होने के कारण सड़क के दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। बताया गया है कि सोमवार को आंदोलनकारियों ने बीच सड़क पर चौकी व बेंच आदि रखकर जाम कर दिया। इस बीच जाम की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष सुरेश कुमार राम ने आंदोलनकारियों से बात की। दो लोगों की गिरफ्तारी कर लेने एवं शेष की गिरफ्तारी अविलंब करने का आश्वासन दिया, इसके बाद जाम समाप्त हुआ। झंझारपुर व बहेड़ा समेत कई इलाकों में छापेमारी मामले में बहेड़ा पुलिस ने घनश्याम झा उर्फ बबलू के बड़े पुत्र सुमन कुमार झा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की है। मामले में महारूद्र झा, दीपक झा, दिलीप झा, सुधीर झा, कन्हैया झा, चंद्रनारायण झा, कुंदन कुमार झा एवं राधे झा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दो आरोपितों को गिरफ्तार उन्हें सोमवार को कड़ी पुछताछ कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि दिलीप झा को झंझारपुर थाना क्षेत्र के दीप गांव से गिरफ्तार किया गया। जबकि चन्द्रनारायण झा को उनके आवास से ही गिरफ्तार किया गया है। शेष की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है। सभी आरोपित घर-बार छोड़कर फरार हैं।
यह है घटनाक्रम
बता दें कि रविवार को महारूद्र झा एवं घनश्याम झा के परिवारों के बीच भूमि विवाद को लेकर हुई हिसक झड़प में एक पक्ष से घनश्याम झा उर्फ बबलू की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। जबकि रामाशंकर झा गांधी एवं कृष्णकांत झा बुलेट गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दोनों डीएमसीएच जीवन मौत से जूझ रहे हैं। बबलू का शव पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव स्वजनों को सौंप दिया। गांव में पुलिस कर रही कैंप
थानाध्यक्ष ने बताया कि गांव में शांति-व्यवस्था बनी रहे इसके लिए घटनास्थल पर पुलिस कैंप कर रही है। फिलहाल स्थिति शांत है। पुलिस गांव की हर गतिविधि पर नजर रख रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस सक्रिय रहती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
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