रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए भटक रहे हैं शहर के लोग
दरभंगा। कोरोना संक्रमण के खतरों को कम करने के लिए शहर के लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट
दरभंगा। कोरोना संक्रमण के खतरों को कम करने के लिए शहर के लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए भटक रहे हैं। कारण यह कि शहर में रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए की गई व्यवस्था का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। शहरी जांच केंद्रों की स्थिति यह है कि शहर के मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दरभंगा सदर में जांच के लिए जाना पड़ रहा है। चिलचिलाती धूप को झेलते हुए लोग जांच के लिए बड़ी संख्या में नियमित तौर पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने के लिए पहुंते हैं। नियमित तौर पर दो दर्जन से अधिक कोरोना के संदिग्ध मरीज लौटते हैं।
जानकारी के अनुसार पहले डीएमसीएच के फ्लू कॉर्नर में शहरवासियों के लिए पुख्ता इंतजाम था। इस बीच स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर डीएमसीएच के फ्लू कॉर्नर में वैसे ही मरीजों की रैपिड एंटीजन किट से जांच की जाती है, जो मरीज डीएमसीएच में भर्ती होते हैं। इसमें इमरजेंसी वार्ड, ओपीडी व ऑपरेशन के लिए आनेवाले रैपिड जांच होती है। इसके अलावा अन्य मरीजों के रैपिड जांच पर प्रतिबंध लगा है। इसके कारण शहरवासियों को पीएचसी सदर में तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
बोले लोग : होना चाहिए पुख्ता इंतजाम
पटना से आई शोभा कुमारी और उनके पुत्र आज लक्षण के आधार पर डीएमसीएच रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने गए थे। लेकिन, उनकी जांच वहां नहीं हो सकी। स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें पीएचसी सदर में जांच कराने की सलाह दी। दोनों मॉ-बेटा हाफते-हाफते इस चिलचलाती धूप में पीएचसी सदर जांच कराने पहुंचे। दोनों निगेटिव मिले, इसके बाद जान में जान आई। दोनों ने कहा- काश यह सुविधा डीएमसीएच होती तो यह परेशानी नहीं होती। 'वैसे मरीज जो दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भर्ती होंगे वैसे मरीजों की जांच रैपिड एंटीजन किट से होगी। भर्ती नहीं होनेवाले मरीजों की यहां रैपिड एंटीजेन टेस्ट नहीं होगा।'
डॉ. मणिभूषण शर्मा
अधीक्षक, दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल। 'शहरी पीएचसी पर रैपिड एंटीजन जांच होती थी। इधर, टेक्नीशियन के अभाव में शहरी पीएचसी में यह जांच नहीं हो पा रही है। शहरी लोगों के रैपिड एंटीजन जांच के लिए पीएचसी सदर में व्यवस्था की गई है।'
डॉ. संजीव कुमार सिन्हा
सिविल सर्जन, दरभंगा।