जर्जर सड़क और जलजमाव से लोग परेशान, पैदल चलना दूभर

दरभंगा। दरभंगा-समस्तीपुर और दरभंगा-मुजफ्फरपुर सड़क को जोड़ने वाली सिमरी-तारालाही पथ इन दिनों पैदल चलने लायक नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 12:33 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 12:33 AM (IST)
जर्जर सड़क और जलजमाव से लोग परेशान, पैदल चलना दूभर
जर्जर सड़क और जलजमाव से लोग परेशान, पैदल चलना दूभर

दरभंगा। दरभंगा-समस्तीपुर और दरभंगा-मुजफ्फरपुर सड़क को जोड़ने वाली सिमरी-तारालाही पथ इन दिनों पैदल चलने लायक नहीं है। जगह-जगह बने गड्ढ़ों में बारिश का पानी जमा हो गया है। आए दिन वाहनों का फंसना और बाइक-साइकिल सवारों का गिरना आम बात है। सबसे बुरा हाल सिमरी थाना चौक का है। दरभंगा-मुजफ्फरपुर मुख्य पथ के पश्चिम भाग में थाना अवस्थित है। लेकिन, बस्तबाड़ा, माधोपुर, बनौली, फुलथुआ, परमानंदपुर, जलवार, राजारौली, टेउंगा आदि गांवों के पीड़ितों को थाना आना मुश्किल हो गया है। प्रति सोमवार और शुक्रवार को सिमरी में हाट-बाजार लगता है, जहां दर्जनों गांवों से खरीदार और दुकानदार आते हैं। लेकिन, अब उन लोगों को भी परेशानी होने लगी है।

दरअसल, थाना के पूरब सिमरी-तारालाही पथ में उम्मीद से ज्यादा जलजमाव की समस्याएं हैं। लोग सड़क किनारे से पैदल भी नहीं चल सकते हैं। सड़क से गुजरने के लिए लोगों को कीचड़ युक्त पानी का सामना करना ही होगा। इसमें कई लोग गिरते है तो कई घायल भी हो रहे हैं। सड़क के दोनों किनारे लगभग डेढ़ सौ बड़ी और छोटी दुकानें हैं। इस समस्याओं से दुकानदारी भी प्रभावित है। बावजूद, प्रशासनिक अधिकारी निजात के दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हालांकि, जल निकासी की समस्या में स्थानीय दुकानदार भी दोषी हैं। सड़क किनारे की भूमि को अतिक्रमण कर जगह-जगह शेड और चबूतरा बना दिया गया है। लगातार हो रही बारिश से लोग स्थानीय स्तर पर पानी निकालने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं। जल निकासी की कोई व्यवस्था भी नहीं है। ऐसी स्थिति में लोगों आक्रोश चरम पर है। लोग सोशल साइट पर अपने गुस्सा का इजहार कर रहे हैं। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दोषी बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि समस्याओं के कारण न तो रिक्शा वाले जाने को तैयार है न ही ऑटो वाले। पटना, मुजफ्फरपुर अथवा दरभंगा शहर जाने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य मार्ग को छोड़ लोगों को काफी दूर वाली लिक पथ का सहारा लेना पड़ रहा है। स्थानीय दुकानदार अनिसुल रहमान, प्रेमनारायण साह, परमेश्वर साह, भोला पाठक, राजेश पासवान ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जलजमाव की समस्या दूसरी आर्थिक मार है। इधर, सिमरी के मुखिया विश्वनाथ पासवान और बस्तबाड़ के मुखिया शबाना अमजद ने समस्याओं के निदान को लेकर बीडीओ, सीओ और अभियंताओं को अवगत कराया है। कहा कि समस्या को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।

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