मिथिला के विकास को कोई रोक नहीं सकता : संजय झा

सूबे के जल संसाधन सह सूचना जनसंपर्क विभाग के मंत्री संजय झा ने कहा है कि आज जो भी बोल रहा विकास की बात बोल रहा है। राजनीति में जब ऐसी चर्चा किसी क्षेत्र की होने लगती है तो क्षेत्र का विकास होता है। जीवन तो आते जाते रहता है लेकिन विकास के काम आनेवाली पीढि़यों के लिए होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 01:12 AM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 01:12 AM (IST)
मिथिला के विकास को कोई रोक नहीं सकता : संजय झा
मिथिला के विकास को कोई रोक नहीं सकता : संजय झा

दरभंगा । सूबे के जल संसाधन सह सूचना जनसंपर्क विभाग के मंत्री संजय झा ने कहा है कि आज जो भी बोल रहा विकास की बात बोल रहा है। राजनीति में जब ऐसी चर्चा किसी क्षेत्र की होने लगती है तो क्षेत्र का विकास होता है। जीवन तो आते जाते रहता है, लेकिन विकास के काम आनेवाली पीढि़यों के लिए होते हैं। दरभंगा एयरपोर्ट भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है। वो विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में महाकवि विद्यापति की पुण्यतिथि पर आयोजित मिथिला विभूति पर्व के तीसरे दिन शुक्रवार को शहर के एमएलएसएम कालेज में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

कहा मैं अपने गांव से चलते हैं तो दरभंगा एयरपोर्ट आने में 45 से 50 मिनट लगता है। इससे ज्यादा वक्त नहीं लगता। लहेरियासराय से कम वक्त लगता है। इसकी चर्चा इस कारण से करते हैं। एयरपोर्ट सिर्फ आवागमन के लिए नहीं है। यह इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति के विकास में भी यह एयरपोर्ट सहायक होगा। अगले पांच से सात साल में आर्थिक गतिविधि को बढ़ाने का वाहक है। इसके साथ कई एयरपोर्ट बना। कई बंद हो गए, लेकिन दरभंगा नंबर वन पर है। राजनीति में कई पावरफुल लोग दिखे। आए और चले गए। बहुत कुछ करने की क्षमता थी उनमें, लेकिन कर नहीं सके। मौका चूक गए। इस कारण राजनीति में जब मौका मिले तो काम करना चाहिए। काम करके गए तो वो याद किए जाते हैं। आज भी ललित बाबू जीवंत हैं, इसका मतलब काम नहीं मरता। एनडीए की सरकार 2020 में मिथिला की वजह से बनी है। यहां से लोग जीते तो सरकार नहीं बनती। इस सरकार पर मिथिला का अधिकार है। मेरे पास जल संसाधन विभाग है। जल प्रबंधन का उत्तम इंतजाम किए बिना समग्र विकास संभव नहीं है। सारी नदियां नेपाल से निकलती है। अंतरराष्ट्रीय विषय है। नेपाल से बात कर रहे हैं। केंद्र सरकार से बात हो रही है। कोशिश चल रही इसे ठीक कर देंगे। जब फ्लड मैनेजमेंट ठीक हो जाएगा तो चीजें ठीक हो जाएंगी। अब चक्र घूमते-घूमते मिथिला में आ गया है। अब मिथिला के विकास को कोई रोक नहीं सकता। मंत्री ने कहा-सरकार प्रयास कर रही है कि नदियों को आपस में जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है सिर्फ भाषण में नहीं इस पर काम शुरू हो गया है। स्टडी चल रही। फरवरी मार्च तक योजना पर काम शुरू हो जाएगा। मखाना का नाम मिथिला मखाना ही रहेगा।

दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि दरभंगा में एम्स का निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंभीर रहे है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए जमीन का आवंटन कर दिया। अब वह दिन दूर नहीं जब मिथिला के अलावा नेपाल, पश्चिम बंगाल के लोगों को लाभ होगा। हमने मिथिला भाषा में डीडी चैनल की स्थापना की मांग केंद्र से की है। मिथिला को मिथिलांचल कहे जाने का विरोध करना चाहिए। मिथिला के आठ करोड़ लोगों को आजादी के बाद लंबे को एक साजिश के तहत विकास से वंचित किया रखा गया। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मिथिला का विकास हो रहा है। जल्द ही महाकवि विद्यापति के नाम पर दरभंगा एयरपोर्ट का नाम होगा। इससे सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहमत हैं। मैंने लगातार इसकी मांग प्रधानमंत्री से की है। शीघ्र ही प्रधानमंत्री दरभंगा आएंगे। अप्रैल में आने के लिए अनुरोध किया है। उस दिन एम्स का शिलान्यास होगा। आइटी पार्क का उद्घाटन होगा कई अन्य योजनाओं से दरभंगा के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा- बिहार के पहला एक्सप्रेस हाई-वे औरंगाबाद से दरभंगा तक पीएम मोदी ने दिया। दरभंगा में जाम की समस्या से मुक्ति के लिए ओवरब्रिज का निर्माण शीघ्र होगा। आनेवाला समय में कागज में भले दरभंगा राजधानी नहीं हो, लेकिन काम में पटना के बाद दरभंगा राजधानी बन रहा है।

मौके पर हायाघाट के विधायक रामचंद्र प्रसाद, लनामिवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति शशिनाथ झा, पूर्व एमएलसी दिलीप कुमार चौधरी, संस्था के महासचिव डा. वैद्यनाथ चौधरी बैजू, मैथिली एकेडमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा, रामकुमार झा, जीवकांत मिश्र समेत बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी बात रखी। रंगारंग प्रस्तुति ने लोगों का मनमोहा

मिथिला विभूति पर्व समारोह के समापन समारोह में सृष्टि फाउंडेशन के छात्राओं ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए प्रकट हुए आदिशक्ति की स्वरूप महिषासुर मर्दिनि देवी की मनमोहक जीवंत प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान करते हुए सर्वप्रथम मां दुर्गा के रूप मे श्रुति सिंह ने सभी को अपनी प्रस्तुति से आकर्षित किया, तो देवी के अन्य रूपो में विद्या कुमारी, पल्लवी झा , श्रेया झा, निरुपमा कुमारी, नंदनी खां ने दर्शकों में समां बांध दिया। स्वागत भाषण संस्था के महासचिव डा. वैद्यनाथ चौधरी बैजू ने दिया। विद्यापति संगीत पर डा. ममता ठाकुर, डा. सुषमा झा, अरविद कुमार, सुरेश पंकज, राखी कुमारी व अन्य साथी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।

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