गौरी के ललना, शंकर जी के प्यारा सबहक गहना

दरभंगा। मिथिला की संस्कृति की रक्षा के संकल्प संग शहर के एमएलएसएम महाविद्यालय के परिसर में

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:56 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:56 PM (IST)
गौरी के ललना, शंकर जी के प्यारा सबहक गहना
गौरी के ललना, शंकर जी के प्यारा सबहक गहना

दरभंगा। मिथिला की संस्कृति की रक्षा के संकल्प संग शहर के एमएलएसएम महाविद्यालय के परिसर में विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व के तीसरे दिन की शाम सुरमयी और संस्कृति के नाम रही। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह विधान पार्षद डॉ. मदन मोहन झा की अध्यक्षता में हुई। इसका उद्घाटन स्थानीय सांसद गोपालजी ठाकुर ने किया। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मधुबनी के सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव के अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में बेनीपुर के विधायक प्रो. विनय कुमार चौधरी, केवटी के डॉ. मुरारी मोहन झा, अलीनगर के विधायक मिश्रीलाल यादव एवं ट्राकुलर ग्रुप हैदराबाद के प्रबंध निदेशक रंजन कुमार झा मौजूद रहे।

इससे पहले केदारनाथ कुमार ने गणेश वंदना- 'गौरी के ललना, शंकर जी के शंकर जी के प्यारा सबहक गहना..' से शुरू सांस्कृतिक शाम पूरी रात तक संगीत की सरिता बहाती रही। इसके बाद

अनुपमा मिश्र ने जगदंब अहीं अबलंब हमर को स्वर दिया। डॉ. सुषमा झा का स्वागत गीत, नवल पूर्णिमा पावन क्षण मे आगत अतिथि महान छथि ने सबका मन मोहा। डॉ. ममता ठाकुर ने विद्यापति गीत, कर धरि करू मोहे पार कन्हैया ने सबका मन मोहा। इसी के साथ शाम से रात होती गई और एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने लोगों को सर्द रात मिथिला संस्कृति की गुदगुदाती सर्दी का एहसास कराती रही और लोग अंतिम प्रस्तुति तक जमे रहे।

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मिथिला लोकनृत्य झिझिया पर सृष्टि फाउंडेशन के कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुति मौके पर सृष्टि फाउंडेशन के कलाकारों ने शक्ति की उपासना की महिमा का बखान करते मिथिला के पारंपरिक लोकनृत्य झिझिया पर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति देते हुए इसमें निहित पारंपरिक भाव को प्रदर्शित करने का प्रयास किया। तत्पशात लोक आस्था का महापर्व छठ की प्रस्तुती हुई जिसमे मिथिला मिथिला पेन्टिग से सजी दग्ड़ा एंव शूप इत्यादि काफी मनोहारी रहा। अंत मे सामा चकेवा की प्रस्तुति हुई जिसमे मिथिला की सभ्यता, संस्कृति व संस्कार का बेमिशाल नमूना पेश करते हुए मिथिला में भाई बहनों के अटूट स्नेह व प्रेम के प्रतीक को दर्शाया गया। इस नृत्य को जयप्रकाश पाठक के निर्देशन मे सुमन कुमारी, पल्लवी कुमारी, निशा सिंह, नन्दनी , सत्यम झा व सुबोध दास ने प्रस्तुत किया।

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मिथिला के विकास आजादी के 74 साल तक नहीं हुआ : सांसद

दरभंगा : उद्घाटन भाषण में दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा- मिथिला के विकास की दिशा में आजादी के 74 साल बाद तक काम नहीं किया। केंद्र की एनडीए सरकार ने विकास का काम किया है। मैं रेलवे स्टैंडिग कमेटी का सदस्य हूं। मैंने रेलवे लाइन बढ़ाने की दिशा में काम किया। रेलवे का दोहरीकरण का काम कराया। 22 फरवरी 1974 को सकरी रेल लाइन का शिलान्यास हुआ। लेकिन, अबतक वह रेल लाइन कुशेश्वरस्थान तक नहीं पहुंची। हसनपुर तो दूर की बात है। इस बार के बजट में मैंने उसे रखा है। मुजफ्फरपुर-दरभंगा रेल लाइन की स्वीकृति हो चुकी है। हमारी कोशिश है कि मिथिला का आवागमन सुलभ हो। अटल बिहारी वाजपेयी ने मैथिली को अष्टम अनूसूची में शामिल कर महान काम किया। दरभंगा में एम्स की स्थापना ऐतिहासिक काम है। 74 साल का हिसाब डेढ़ साल में गोपालजी नहीं दे सकते हैं। आने दीजिए समय हम काम करके दिखाएंगे। बाढ़ से स्थाई निदान कराएंगे। गैस पाइप लाइन भी बिछेगी। -

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