.. तो अब 'स्टार्म वाटर ड्रेनेज' से होगा दरभंगा शहर का कल्याण!
दरभंगा। जब से दरभंगा का अस्तित्व है तब से यहां जल-जमाव की समस्या है। बरसात में जल-जमाव के कार
दरभंगा। जब से दरभंगा का अस्तित्व है तब से यहां जल-जमाव की समस्या है। बरसात में जल-जमाव के कारण हर साल शहरी क्षेत्र की एक बड़ी आबादी तबाही झेलती है। लाखों का व्यवसाय प्रभावित होता है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज का इलाका बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। इस कारण चिकित्सा व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इन सबके बीच यदि सबकुछ ठीक रहा तो शहर के लोगों को नारकीय स्थिति से शहर निकालने की सरकार की योजना शीघ्र जमीनी स्तर पर आकार ले लेगी।
इस सिलसिले में सूबे के उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद द्वारा 29 जुलाई को विधानसभा में दरभंगा के विधायक संजय सरावगी द्वारा किए गए प्रश्न के जवाब में कई बातें बताई गई हैं। उसके मुताबिक वह वक्त करीब है जब जल-जमाव से मुक्ति पाने की शहरी बेचैनी खत्म हो जाएगी।
मंत्री ने अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि दरभंगा में जल-जमाव से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। वस्तुस्थिति यह है कि निगम क्षेत्र के दोनार गुमटी से टिनही पुल तक नाला निर्माण के लिए 2560.727 लाख की स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना स्वीकृत है। योजना का क्रियान्वयन बुडको द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए अबतक 1567. 424 लाख रुपये विमुक्त किए जा चुके हैं।
बताया है कि सुशासन के कार्यक्रम 2020-25 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-दो के तहत सभी शहरों में जल जमाव की समस्या के समाधान के लिए स्टार्म वाटर ड्रेनेज निर्माण कराने की योजना है। दरभंगा नगर निगम में जल निकासी के लिए इस योजना का क्रियान्वयन उपलब्ध राशि के आलोक में राज्य स्तरीय प्राथमिकता निर्धारण के पश्चात कराया जाएगा। विधायक ने मंत्री से पूछे थे ये सवाल
यहां बता दें कि दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी ने उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास व आवास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद से सवाल किया था की दरभंगा को जल-जमाव की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए वर्ष 2015 में ही 225 करोड़ की राशि से वाटर ड्रेनेज के लिए विस्तृत योजना प्रतिवेदन (डीपीआर) विभाग ने बनवाया था। जिसकी स्वीकृति नहीं होने के कारण जल-जमाव से दरभंगा शहर की स्थिति अत्यंत नारकीय हो गई है। कई स्थानों पर भारी जल-जमाव रहता है। सरकार दरभंगा शहर को जल-जमाव की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कब तक उक्त डीपीआर की स्वीकृति देना चाहती है। यदि यह नहीं होना है, तो क्यों नहीं होना है। इस सवाल के सकारात्मक जवाब के बाद एक बार फिर यह उम्मीद जगी है कि दरभंगा शहर में स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना के लागू होने के साथ यहां हर साल जल-जमाव के कारण होने वाली परेशानी समाप्त की जा सकेगी। हालांकि अभी राज्य स्तर पर प्राथमिकता का निर्धारण किया जाना शेष है। जानकार बताते हैं कि अब वह दिन दूर नहीं जब दरभंगा को जल-जमाव से मुक्ति मिल जाएगी। व्यावसायिक इलाकों के अलावा शहर के कई मोहल्लों में होता है भारी जल-जमाव
बता दें कि बारिश के दिनों में शहर में सड़क पर निकलना मुश्किल होता है। सड़कें कुछ घंटें की बारिश में ही डूब जाती हैं। अन्य स्थानों की छोड़ दीजिए नगर निगम के दफ्तर और कलेक्ट्रेट में भी भारी जल-जमाव होता है। शहर के टावर चौक, ललित नारायण मिश्र पथ, जिला स्कूल, मिर्जापुर-हसन चौक रोड, इनकम टैक्स-हसन चौक, वीआइपी रोड (बलभद्रपुर), दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रोड, खान चौक, लहेरियासराय-मिर्जापुर चौक रोड, म्यूजियम गुमटी-सदर थाना रोड, औद्योगिक क्षेत्र शहर के अलावा करीब दर्जन भर से ज्यादा वार्डों के अलग-अलग मोहल्ले प्रभावित होते हैं। व्यवसाय के हब के तौर पर पहचान बनानेवाले दरभंगा टावर के आसपास जल-जमाव ऐसा हो जाता है कि लोगों की दुकानों में भी पानी रिसने लगता है। इमरजेंसी में बाजार जानेवाले लोग बाइक लेकर दो से तीन फीट पानी से लबालब सड़क पर गिर जाते हैं। कई बार तो शहर के प्रमुख इलाकों में नाला व सड़क का अंतर समाप्त हो जाने के बाद लोगों की गाड़ी नाले में जाकर फंस जाती है।