दरभंगा में एडिप योजना के तहत दिव्यांगों के लिए लगेगा मेगा कैंप : सांसद

विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर स्थानीय सांसद डा. गोपाल जी ठाकुर नई दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. बीरेंद्र कुमार से मिले। सांसद ने कहा कि शुक्रवार को दुनियाभर में विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है। इसे मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति सम्मान देना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 01:20 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 01:20 AM (IST)
दरभंगा में एडिप योजना के तहत दिव्यांगों के लिए लगेगा मेगा कैंप : सांसद
दरभंगा में एडिप योजना के तहत दिव्यांगों के लिए लगेगा मेगा कैंप : सांसद

दरभंगा । विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर स्थानीय सांसद डा. गोपाल जी ठाकुर नई दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. बीरेंद्र कुमार से मिले। सांसद ने कहा कि शुक्रवार को दुनियाभर में विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जा रहा है। इसे मनाने का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति सम्मान देना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है। मौके पर सांसद ने दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के लिए चलाए रहे कार्यक्रम एवं अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के लिए सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण के की विशेष योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। सांसद डॉ ठाकुर ने दरभंगा में कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत विभिन्न प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने व प्रखंड स्तर पर नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने की भी मांग की।

सांसद ने बताया कि दिव्यांग्जन के सशक्तिकरण को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है। इसी महीने दरभंगा जिला के दो प्रखंडों में कैंप लगाकर दिव्यांगता जांच किया गया है। 64 लोगों का चयन अंतिम रूप से किया गया, अब उन्हें आवश्यकता अनुसार मुफ्त में यंत्र में दिया जाएगा। उन्होंने कहा की शेष प्रखंडों में भी जल्द ही कैंप लगाया जाएगा। फिर केंद्र सरकार की एडिप योजना के तहत दरभंगा में एक मेगा कैंप का आयोजन किया जाएगा। कैंप केंद्रीय मंत्री जी स्वयं उपस्थित होकर उसका शुभारंभ करें, इसके लिए उन्हें आमंत्रण दिया गया है।

मखाना आठ करोड़ मिथिलावासियों की पहचान का प्रतीक : सांसद

दरभंगा : स्थानीय सांसद डा. गोपाल जी ठाकुर ने गुरुवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मिथिला की पहचान मखाना के जीआई टैग पर सवाल किया। जीआई टैग में इसका नाम मिथिला मखाना के नाम से करने की मांग सदन के पटल पर की। कहा कि बीते बजट सत्र में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से भी मखाना के जीआई टैग 'मिथिला मखाना' किए जाने के लिए प्रश्न किया था, जिसके उत्तर में विभागीय राज्यमंत्री ने कहा कि बिहार मखाना के प्रस्ताव को आवेदक ने संशोधित कर मिथिला मखाना का प्रस्ताव जीआई टैग के लिए दिया है।

बताते हैं कि मखान व मखाना का जियोग्राफिकल इंडिकेशंस(जीआई) टैग मिथिला मखाना के नाम से करने के लिए सांसद ने पूर्व में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को 24 अगस्त 2020 को पत्र लिखा था। 29 अगस्त 2020 को वर्चुअल माध्यम से भी आग्रह किया था, जिस पर मंत्री ने सकारात्मक संदेश भी दिया था।

सांसद ने कहा कि मिथिला की पहचान व प्रमुख फसल मखाना की उपज मुख्य रूप से सिर्फ मिथिला क्षेत्र में ही होती है, पूरे देश के उत्पादन का लगभग 80 से 90 फीसद उत्पादन मिथिला के इस विशाल क्षेत्र में होता है। मखाना के महत्व को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 28 फरवरी 2002 को मिथिला के केंद्र दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना की थी, ताकि मखाना का विकास उच्च स्तर पर हो सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिथिला के प्रमुख फसल मखाना के वैश्विक मांग को देखते हुए इसके व्यापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात भी कही। देश को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए आर्थिक मजबूती प्रदान करने हेतु वोकल फार लोकल का आह्वान किया ताकि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले। मखाना मिथिला व 8 करोड़ मिथिलावासियों की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, इसीलिए मखाना का जीआई टैग मिथिला मखाना के नाम से होने पर आठ करोड़ मिथिलावासी गौरवान्वित होंगे।

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