नैक में एलएनएमयू नबंर वन, पीयू चौथे नंबर पर
दरभंगा। राजभवन ने नैक एक्रिडेशन में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत कॉलेजों की स्थिति पर आधारित रिपोर्ट जारी की है।
दरभंगा। राजभवन ने नैक एक्रिडेशन में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत कॉलेजों की स्थिति पर आधारित रिपोर्ट जारी की है। इसमें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू), दरभंगा ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। एलएनएमयू के 43 अंगीभूत कॉलेजों में 27 के पास नैक एक्रिडेशन है। जबकि शेष 16 कॉलेजों में से 12 की सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) अस्वीकृत कर दी गई या उसपर दर्ज कराई गई आपत्ति का जवाब नहीं देने के कारण रद कर दिया गया। पांच नवंबर तक प्राप्त एक्रिडेशन के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें पटना विश्वविद्यालय के आठ कॉलेजों में से चार को नैक एक्रिडेशन प्राप्त था।
राजभवन की सूची में पटना विश्वविद्यालय तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के साथ संयुक्त रूप से चौथे नंबर पर है। टीएमबीयू के 12 में से छह कॉलजों को नैक एक्रिडेशन प्राप्त है। दूसरे स्थान पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा है। इसके 17 में से 10 कॉलेजों को नैक एक्रिडेशन मिला हुआ है। जबकि अन्य सात कॉलेजों के एसएसआर अस्वीकृत कर दिए गए हैं। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (बीआरएबीयू), मुजफ्फरपुर के 56.4 फीसद कॉलेजों के पास नैक एक्रिडेशन है। कुल 39 अंगीभूत में से 22 कॉलेजों ने नैक की प्रक्रिया पूरी कर ली है। नौ कॉलेजों का एसएसआर रिजेक्ट कर दिया गया है। : 40 फीसद कॉलेजों के पास ही नैक एक्रिडेशन :
राजभवन की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 12 विश्वविद्यालयों में 259 अंगीभूत कॉलेज हैं। इनमें से 103 (39.80 फीसद) कॉलेजों को ही नैक से एक्रिडेशन मिला है। 138 कॉलेजों ने आइआइक्यूए प्राप्त कर लिया है। 119 एसएसआर सबमिट कर चुके हैं। मानक के अनुरूप नहीं होने के कारण 99 की एसएसआर रद कर दी गई है। इन्हें नए सिरे से प्रक्रिया में शामिल होना होगा। एसएसआर भरने में ही बेदम हो रहे कॉलेज :
नैक विशेषज्ञों के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की लचर व्यवस्था भारी पड़ रही है। नैक एक्रिडेशन की नई प्रणाली के अनुसार 70 फीसद अंक एसएसआर में दी गई जानकारी तथा 30 फीसद अंक पीयर टीम की रिपोर्ट के आधार पर मिलते हैं। राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को पीयर टीम से अच्छे अंक प्राप्त हो जा रहे हैं। वहीं, एसएसआर में आधी-अधूरी सूचना तथा दर्ज सूचना का प्रमाण नहीं देने के कारण अंक कम मिल रहे हैं। नैक एक्रिडेशन के अभाव में विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को यूजीसी व अन्य केंद्रीय एजेंसियों से अनुदान नहीं मिल रहा है। : प्रत्येक कॉलेज के दो शिक्षक बनेंगे विशेषज्ञ :
नैक एक्रिडेशन की स्थिति विश्वविद्यालय व कॉलेजों में दुरुस्त करने के लिए राजभवन ने शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। कार्यशाला आयोजित प्रत्येक कॉलेज के दो-दो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। तकनीकी दुश्वारियों को कम करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों में एक आइटी मैनेजर तथा दो प्रोग्रामर के पद सृजित किए गए हैं। ये बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन, पटना के माध्यम से आउटसोर्स किए जाएंगे।