शहर में नदी किनारे पूरी रात चलता शराब और गांजा का धंधा
दरभंगा। तीन ओर से बागमती नदी से घिरा दरभंगा जिला का शहरी क्षेत्र। नदी के दोनों किनारे बसी आबादी के विकास और सुरक्षा का दायित्व अलग-अलग प्रखंड व थानों को है।
दरभंगा। तीन ओर से बागमती नदी से घिरा दरभंगा जिला का शहरी क्षेत्र। नदी के दोनों किनारे बसी आबादी के विकास और सुरक्षा का दायित्व अलग-अलग प्रखंड व थानों को है। नतीजा विकास से लेकर अपराध नियंत्रण तक इस इलाके में भगवान भरोसे है। सबसे अधिक परेशानी अपराध पर लगाम लगाने को लेकर है। शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या छह के आजमनगर और बहादुरपुर प्रखंड की सिमरा नेहालपुर पंचायत को बागमती की धारा बांटती है। नदी के एक छोर पर शहरी तो दूसरे छोर पर बसे लोग ग्रामीण इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों इलाके अलग-अलग थानों के अधीन हैं। ऐसे में यहां अपराध व नशे के धंधे पर विराम लगाने में हर बार सीमा विवाद फंस जाता है।
यह इलाका इन दिनों नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है। सो, लोगों को यहां से गुजरने में भी डर लगता है। खासकर लड़कियां व औरते जब इस इलाके से होकर गुजरती है तो नशेड़ी फब्तियां कसते हैं। क्षेत्र का एक भाग विश्वविद्यालय थाने की अधीन है तो दूसरा भाग मब्बी ओपी के। नतीतजन सीमा विवाद के कारण यहां पुलिस की गश्त भी नहीं के बराबर है। इसका फायदा नशेड़ी उठा रहे हैं। पूरी रात यहां गंजा और शराब का सेवन होता रहता है। स्थिति यह है कि आसपास इलाके के कई नशेड़ियों का भी यहां जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। यदि कभी विवि थाना की पुलिस पहुंचती है तो नशेड़ी मब्बी ओपी क्षेत्र में प्रवेश कर जाते है। मब्बी ओपी का क्षेत्र देख विवि थाना की पुलिस बार्डर से वापस लौट जाती है। सो, नशेड़ियों को पुलिस का भी खौफ नहीं है। कई बार शिकायत करने पर भी पुलिस की गश्त नहीं पहुंचती है। ग्रामीण रघुनंदन ठाकुर, पवन महतो, सुरेंद्र सहनी आदि ने बताया कि यह क्षेत्र नशेड़ियों का अड़डा बन चुका है। पूरी रात यहां गांजा और शराब का सेवन किया जाता है। पुलिस को इससे कोई मतलब नहीं है। पुलिस की गाड़ी नियमित रूप से इस इलाके का गश्त नहीं करती है। इसका परिणाम है कि धर्मगाछी, सिमरा नेहालपुर, चतरिया, आजमनगर आदि इलाके में इन दिनों नशेड़ी जमा होते है। इससे लोगों में खौफ है। लोगों ने मामले में एसएसपी से आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
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