जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया कोजागरा पर्व

दरभंगा। मंगलवार की रात झमाझम बारिश के बीच हर्षोल्लास के साथ कोजागरा पर्व मनाया गया। मिथिला के नवविवाहित दूल्हों का चुमाउन गोसाउन की गीत के साथ किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:33 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:33 PM (IST)
जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया कोजागरा पर्व
जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया कोजागरा पर्व

दरभंगा। मंगलवार की रात झमाझम बारिश के बीच हर्षोल्लास के साथ कोजागरा पर्व मनाया गया। मिथिला के नवविवाहित दूल्हों का चुमाउन गोसाउन की गीत के साथ किया गया। इस दौरान नवविवाहित दंपती के सुखमय दांपत्य जीवन की ईश्वर से प्रार्थना की गई। इसके बाद वर पक्ष तथा वधू पक्ष के बीच पचीसी का खेल चित्ती कौड़ी से खेला गया। ऐसी मान्यता है कि इस खेल के विजेता की जिदगी में एक वर्ष तक सुख, शांति तथा समृद्धि बनी रहती है। पचीसी खेलने के दौरान महिलाओं ने हास-परिहास, हंसी-ठिठोली आदि के माध्यम से दूल्हे का मनोरंजन किया। कोजागरा के दिन नवविवाहित दूल्हे के यहां से हकार दिया जाता है। गांव के लोग जब कोजागरा का हकार में शामिल होने दूल्हे के घर पर आते हैं तो उनके बीच मखान, पान, मिठाई आदि का वितरण किया जाता है। इन वस्तुओं का वितरण देर रात तक चलता रहता है। लोग रात में घूम-फिर कर शरद पूर्णिमा की अमृत वर्षा का आनंद लेते हैं।

मिथिला के आंगन में चमकै छति चांद यो..

कोजगरा के अवसर पर गाए जाने वाले मिथिलांचल का सुप्रसिद्ध गीत मिथिला के आंगन में चमकै छति चांद यो डाला में सजल मधुर पान मखान। जैसे गीतों के साथ नव विवाहित पुरुष ससुराल से दिए गए नये वस्त्र कुर्ता, धोती, पाग, जूता इत्यादि पहन चंदन, टीका, काजल लगाकर पचीसी खेलते दिखे। ससुराल से आए संदेश मखान, पान, नारियल, मिठाई, केला इत्यादि को ग्रामीणों के बीच बांट भी रहे हैं।

प्रदोष काल में हुई लक्ष्मी की पूजा

कोजागरा पर प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा की गई। साथ ही नवविवाहित दूल्हे का चुमावन कर नवविवाहितों के समृद्ध और सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना की। इसके बाद लोगों के बीच मखाना-बताशा, पान आदि बांटे गए। कोजगरा की रात जागरण का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि कोजगरा की रात लक्ष्मी के साथ ही आसमान से अमृत वर्षा होती है। पूरे वर्ष में शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सबसे अधिक शीतल और प्रकाशमान प्रतीत होते हैं। इन सब के बीच यह पर्व सामाजिक समरसता का भी प्रतीक माना जाता है।

नवविवाहित दंपती को दूध-दही और अक्षत से चुमाया गया

केवटी, संस : प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार को कोजागरा पर्व पारंपरिक ढ़ंग से मनाया गया । घरों में धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की गई। वहीं नवविवाहित दंपति को दही , दूध व अक्षत से चुमाया गया। आंगन से लेकर भगवती घर तक अरिपन दिया गया। नवविवाहित वरों के परिजनों द्वारा कन्या पक्ष के लोगों को भोज खिलाया गया। वहीं समाज के लोगों के बीच पान मखाना तथा बताशा बांटे गए।

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