बाजिदपुर-टेकरार घाट पर जान की बाजी पर सफर
दरभंगा। सूबे में विकास की रफ्तार ने प्रखंड क्षेत्र के कई पुल - पुलियों तथा चचरी पुलों की तस्वी
दरभंगा। सूबे में विकास की रफ्तार ने प्रखंड क्षेत्र के कई पुल - पुलियों तथा चचरी पुलों की तस्वीर बदल दी। वहीं केवटी एवं सिंहवाड़ा दो प्रखंडों से जोड़ने वाली बाजिदपुर - टेकटार मार्ग के बाजिदपुर ( शिव मंदिर ) टेकटार घाट में अधवारा समूह की नदी पर अबतक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। सरकारी स्तर पर पुल का निर्माण नहीं होते देख ग्रामीणों द्वारा जनसहयोग से नदी पर चचरी पुल का निर्माण करवाया तो जाता है । लेकिन प्रतिवर्ष बाढ़ के पानी की तेज धारा में पुल के बह जाने से लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है। पुल निर्माण नहीं होने से केवटी प्रखंडाघीन कोठिया पंचायत के त्रिमुहान, बग्घा, भतौरा, पचमा, मंगरथू, बाजीदपुर, कोठिया, सादिकपुर आदि गांवों के लोगों को करीब 15 से 20 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर मुहम्मदपुर होकर रजिस्ट्री ऑफिस व कमतौल थाना व मार्केटिग आदि कामों के लिए कमतौल आना पड़ता है।
इधर, पिछले पांच - छह दिनों से रूक - रूक कर हो रही गरज के साथ मूसलाधार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में धीरे - धीरे वृद्धि होने से ग्रामीणों के सहयोग से नदी में बना चचरी पुल क्षतिग्रस्त हो गया है , जिस कारण पिछले करीब एक सप्ताह से इस पुल से आवागमन पूरी तरह ठप है। पांव पैदल चलने वाले अगर कोई लोग इस क्षतिग्रस्त चचरी पुल से सफर कर भी रहे है तो वे अपनी जान जोखिम में डालकर कर रहे हैं। नदियों की जलस्तर में अगर इसी तरह वृद्धि जारी रही तो यह क्षतिग्रस्त चचरी पुल एक बार फिर ध्वस्त होकर बह जाएगी और लोगों को नाव के सहारे ही चलने पर विवश होना पड़ेगा। पूर्व पंचायत समिति सदस्य रामप्रकाश साह ने बताया कि नदी पर पुल का निर्माण नहीं होने से लोगों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी बारिश एवं बाढ़ के दौरान झेलनी पड़ती है कि ग्रामीणों के सहयोग से बने चचरी पुल नदी की तेज धारा में प्रत्येक साल बह जाती है। ग्रामीण ललित यादव, शंकर साह, परमेश्वर साह, रामपुनित यादव , मनीष साह समेत अन्य ने भी कहा कि समस्या का समाधान जरूरी है।