प्रसव बाद पत्नी का शव छोड़ भागा पति, पुत्री की मौत पर भी नहीं पहुंचा अस्पताल

दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में प्रेम-विवाह के बाद पैदा हुई प्रेम की निशानी बेटी की मां के गुजर जाने के बाद उसका पिता अपनी औलाद का शव लेना तो दूर देखने तक नहीं आया। तीन दिनों के इंतजार के बाद अस्पताल प्रशासन ने नवजात बच्ची का अंतिम संस्कार कराया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 01:43 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 01:43 AM (IST)
प्रसव बाद पत्नी का शव छोड़ भागा पति, पुत्री की मौत पर भी नहीं पहुंचा अस्पताल
प्रसव बाद पत्नी का शव छोड़ भागा पति, पुत्री की मौत पर भी नहीं पहुंचा अस्पताल

दरभंगा । दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल के शिशु रोग विभाग में प्रेम-विवाह के बाद पैदा हुई प्रेम की निशानी बेटी की मां के गुजर जाने के बाद उसका पिता अपनी औलाद का शव लेना तो दूर देखने तक नहीं आया। तीन दिनों के इंतजार के बाद अस्पताल प्रशासन ने नवजात बच्ची का अंतिम संस्कार कराया। सबसे आश्चर्यजनक यह कि अस्पताल की ओर से दी गई सूचना का संज्ञान संबंधित थाने की पुलिस ने भी नहीं लिया।

बताया गया है कि बहेड़ा थानाक्षेत्र के अचलपुर निवासी अमरेश झा ने प्रेम विवाह किया था। पत्नी अमीशा ने 20 अगस्त को डीएमसीएच में बच्ची को जन्म दिया। उसी दिन प्रसव के बाद अमीशा की तबीयत बिगड़ी। उसे तत्काल अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों की लाख कोशिश के बाद भी प्रसव पीड़िता ने दम तोड़ दिया। इसके बाद प्रेमी पति वहां से भाग निकला। उसने पलट कर पत्नी का चेहरा तक देखना मुनासिब नहीं समझा। इस बीच गांव के लोग आए और अमीशा के शव को ले जाकर उसकी अंत्येष्टि की। मां की मौत के बाद बीमार बेटी ने भी तोड़ा दम

अमीशा की मौत के बाद उसकी नवजात बच्ची की चिकित्सा में भी डीएमसीएच के चिकित्सकों ने अपनी पूरी ताकत लगाई। दो दिनों तक बच्ची की सांस चली। तीसरे दिन उसने शिशु रोग के बेड पर दम तोड़ दिया। डीएमसीएच प्रशासन ने जन्म के तीन दिन बाद तक बच्ची के शव को सुरक्षित स्वजनों के इंतजार में रखा। इस इंतजार के दौरान अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना स्थानीय बेता ओपी और बहेड़ा पुलिस को दी। सूचना के बाद भी दोनों में से किसी थाने की पुलिस ने इस घटना का संज्ञान तक नहीं लिया। हद तो यह कि पत्नी की मौत के बाद फरार हुआ अमरेश पुत्री का शव लेने भी नहीं आया। अंत में अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को बच्ची का अंतिम-संस्कार कराया।

लोगों ने कहा- घटना ने मानवता को किया शर्मसार

अस्पताल परिसर में बच्ची की अंत्येष्टि की कहानी जानने के बाद यहां भर्ती मरीजों के स्वजनों ने कहा- अमरेश और अमीशा एक दूसरे प्रेम करते थे। दोनों की प्रेम-कहानी उनके गांव में ही बनी थी। प्रेम-विवाह के बाद पत्नी और बच्ची के साथ जीते जी हुए व्यवहार और मरने के बाद के व्यवहार ने मानवता को शर्मसार किया है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। ताकि, सामाजिक रिश्तों की मर्यादा बनी रहे। खास बातें:-

- दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन ने स्वजनों के इंतजार के बाद कराया नवजात बच्ची का अंतिम संस्कार

- न पिता आया अस्पताल, नहीं घरवाले, अस्पताल प्रशासन की ओर से सूचना देने के बाद भी पुलिस ने नहीं लिया संज्ञान ' बच्ची की मौत की सूचना बेता व बहेड़ा पुलिस को दी गई। पुलिस के स्तर पर मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। नहीं बच्ची के स्वजन ही अस्पताल पहुंचे। इस स्थिति बुधवार को उसका अंतिम संस्कार कराया गया।'

डा. केएन मिश्रा

प्राचार्य, दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल।

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