गांव से लेकर शहर तक झमाझम बारिश, नगर निगम का सिस्टम पानी-पानी

दरभंगा । गांव से लेकर शहर तक झमाझम बारिश होने से कई मोहल्लों के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। कई प्रमुख इलाके में जल-जमाव का नजारा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:02 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:02 AM (IST)
गांव से लेकर शहर तक झमाझम बारिश,  नगर निगम का सिस्टम पानी-पानी
गांव से लेकर शहर तक झमाझम बारिश, नगर निगम का सिस्टम पानी-पानी

फोटो 28 डीआरजी 6 से 11

दरभंगा । गांव से लेकर शहर तक झमाझम बारिश होने से कई मोहल्लों के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। कई प्रमुख इलाके में जल-जमाव का नजारा है। झील से नजर आते शहरी क्षेत्र के निचले इलाके। झमाझम बारिश से नगर निगम पूरा सिस्टम डूब हो गया। जल-जमाव की समस्या से निदान करनेवाले नगर निगम कार्यालय परिसर पानी से लबालब है। सभी कर्मी जूते-चप्पल हाथ में लेकर आते-जाते दिखे। यह ²श्य महीनों से सोए सिस्टम और कागजों पर नाला की सफाई की पोल खोल दिया। शहरी क्षेत्र में बजबजाती नालियां की सफाई भगवान भरोसे है। बारिश से वीआइपी इलाके सहित कई कालोनियों में जल-जमाव का नजारा दिखा। समाहरणालय, नगर निगम, जिला परिषद, बेता ओपी, डीएमसीएच, विश्वविद्यालय सहित कई कार्यालय भी इसकी चपेट में दिखे। यहां काम से आने वाले सूट-बूट लगाकर रौब जमाने वाले भी गाड़ियों से उतरने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। बाकी शहर के कई इलाकों की क्या स्थिति होगी, यह सोच सकते है। शहर को साफ-सुथरा रखने वाला खुद नगर निगम प्रशासन बेबस नजर आ रहा था। जल-जमाव से निबटने की कागजी खानापूरी की पोल खुल रही थी।

शहरी क्षेत्र के न्यू बलभद्रपुर, जीएन गंज, शाहगंज, बेंता, कबीरचक, गंज, गांधी नगर कटरहिया, दरभंगा टावर, मिश्रटोला, लक्ष्मीसागर, कादिराबाद, शिवधारा, बेला सुंदरपुर, फैजुल्ला खां, रहमखां, उर्दू, मदारपुर, मोगलपुरा, मौलागंज सहित कई इलाकों के लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है। ग्रामीण इलाकों के लोगों की परेशानियों का अंदाजा शहरी क्षेत्र से ही लगाया जा सकता है। इधर, भारी बारिश ने नगर निगम प्रशासन की बैचेनी बढ़ा दी है। बता दें कि पिछले माह जिलाधिकारी ने शहरी क्षेत्र में जल-जमाव को लेकर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरी स्थिति की समीक्षा की थी। उस वक्त निगम के पदाधिकारी ने डीएम को बताया था कि शहरी क्षेत्र के नब्बे फीसद नालों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष भी पूरा होने को है। यदि नालों की सफाई का कार्य कर लिया गया होता तो कई इलाकों में साहब जलजमाव की समस्या नहीं होती। हालांकि, निगम के पदाधिकारियों की मानें तो लगातार बारिश की वजह से जल-जमाव की समस्या होती है। बारिश के बंद होने के कुछ घंटों बाद स्थिति सामान्य हो जाती है। किरकिरी से बचने के लिए ऐसा पिछले कई वर्षों से निगम का यही तर्क रहा है।

---------- बाजार में जल-जमाव से व्यापारियों की बढ़ी मुश्किलें :

मानसून के आगमन के साथ बाजारों में जलजमाव के कारण आर्थिक रुप से टूट चुके व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। कुछ व्यपारियों ने बताया कि लंबे अरसे के बाद दुकानें खुली है। लेकिन, बारिश ने दुकानदारी चौपट कर दी। ऊपर से जगह-जगह जलजमाव और कीचड़ के बीच कई ग्राहक दुकान नहीं आने चाहते। निर्धारित समय तक दुकानें बंद करने की बाध्यता है। सो, मानसून रहने तक बाजार संभलने की स्थिति में नहीं है। सबसे बुरा हाल फुटकर विक्रेाताओं की रही। जलजमाव के कारण दरभंगा टावर सहित सभी चौक-चौराहों से फुटकर विक्रेता गायब मिले। --------

मौसम विभाग ने पहले जारी किया था अलर्ट :

मौसम विभाग ने पहले ही बारिश को लेकर अर्लट जारी किया है। बताया गया है कि अगले एक-दो दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अलर्ट जारी करने के बाद से जिला प्रशासन एतिहातन सारी तैयारियों में जुट गया है। नदियों के जलस्तर पर लगातार वृद्धि होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मुश्किलें बढ़ गई है। इनमें कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां सहित कई उपधारा शामिल है। हालांकि, उन सभी जगहों पर प्रशासन की पैनी नजर है।

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आवागमन करने में बढ़ी परेशानी :

लगातार हो रही बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर से लेकर गांव तक लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है। बारिश के कारण नदियों का जलस्तर के जलस्तर में वृद्धि जारी है। बढ़ते जलस्तर की सूचना मिलने से लोगों में भय सताने लगा है। जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे गांवों के लोगों के रात की नींद गायब हो गई है। जलजमाव के कारण से ही लोगों को सड़कों पर आवागमन करने में परेशानी होने लगी है। बारिश के मौसम में जलजमाव का क्या नजारा होगा, इसका स्वत: ही अनुमान लगाया जा सकता है। लगातार बारिश होने से किसानों की कठिनाई भी बढ़ गई है।

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