चमकी बुखार से मृत बच्चों के लिए सरकार जिम्मेवार : आइसा

मुजफ्फरपुर सहित बिहार के विभिन्न जिलों में चमकी बुखार के प्रकोप से 150 से अधिक बच्चों की मौत के विरोध में भाकपा (माले) आइसा इनौस व एपवा ने बुधवार को प्रतिरोध मार्च निकाला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jun 2019 01:10 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2019 06:34 AM (IST)
चमकी बुखार से मृत बच्चों के लिए सरकार जिम्मेवार : आइसा
चमकी बुखार से मृत बच्चों के लिए सरकार जिम्मेवार : आइसा

दरभंगा। मुजफ्फरपुर सहित बिहार के विभिन्न जिलों में चमकी बुखार के प्रकोप से 150 से अधिक बच्चों की मौत के विरोध में भाकपा (माले), आइसा, इनौस व एपवा ने बुधवार को प्रतिरोध मार्च निकाला। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित बाबा नागार्जुन के प्रतिमा स्थल से श्याम माई मंदिर, विश्वविद्यालय थाना होते हुए कॉमरेड भोगेंद्र झा चौक तक प्रतिरोध मार्च निकला। मार्च का नेतृत्व विशाल मांझी, शनिचरी देवी, केशरी यादव, अमित पासवान ने संयुक्त रूप से किया। प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता करते हुए इनौस के राज्य सह सचिव गजेंद्र नारायण शर्मा ने इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराया। कहा कि विगत कई सालों से इस मौसम में इस अज्ञात बीमारी से सैंकड़ों बच्चे मारे जाते हैं। यदि सरकार ने पहले से इसकी रोकथाम के उपाय किए होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या काफी कम हो सकती थी। उन्होंने इस घटना के लिए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की। वहीं दिल्ली से आए आइसा नेता प्रसेनजीत ने कहा कि गरीबों के ही बच्चे इस बीमारी के सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं, क्योंकि सही समय पर उनका इलाज नहीं हो पाता है। गांव, प्रखंड अथवा अनुमंडल स्तर पर अस्पतालों की घोर कमी और जिला स्तर के भी अस्पतालों में आईसीयू व इमरजेंसी सेवा की खराब स्थिति के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस मामले में दिल्ली-पटना की सरकार आपराधिक लापरवाही बरत रही है। आइसा के राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी ने कहा कि चमकी बुखार का प्रकोप बड़ी तेजी से बिहार के अन्य जिलों में फैल रहा है। लेकिन देश और राज्य की सरकार सिर्फ दौरा कर रही है। पिछले 10 वर्षों से लगातार इस मौसम में इस बीमारी से सैकड़ों बच्चे मर रहे है, लेकिन सरकार इसपर कोई ठोस कदम नही उठा पाई है। पूर्व में यह घोषणा की गई थी कि सौ बेड वाला अस्पताल बनाया जाएगा लेकिन पांच सालों तक कुछ नही हुआ। एक बार फिर से वहीं जुमला दिया गया है। ऐसे जुमलेबाज सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इनौस के जिला अध्यक्ष केशरी यादव ने कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार कदम नही उठा रही है। जिला स्तर पर आईसीयू युक्त व प्रखंड स्तर के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं बहाल की जानी चाहिए। ऐपवा की जिला सचिव शनिचरी देवी ने कहा कि सैकड़ो बच्चों की हत्या के जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को इस्तीफा देना चाहिए। मौके पर राशिदा खातून, रीता साह, मयंक यादव, पंकज पासवान, अनीश कुमार झा, राहुल यादव, अरुण यादव, अमित पासवान, पप्पू यादव, नाशरा खातून सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।

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