शिक्षकों की मांग जल्द पूरी करे सरकार : संघ
दरभंगा। अपने हक के लिए निरंतर आवाज बुलंद करनेवाले टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों
दरभंगा। अपने हक के लिए निरंतर आवाज बुलंद करनेवाले टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के मांगो के समर्थन में टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट की जिला इकाई ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम और एनसीटीई एवं अन्य राज्यों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर संबंधित शिक्षकों के साथ न्यायपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग को दोहराते हुए उसे जल्द से जल्द पूरी करने की अपील की है। संघ के जिला प्रवक्ता धनंजय झा, जिला कार्यकारिणी सदस्य सोनू मिश्रा ने बताया कि जबसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ है, देश में बिहार को छोड़कर अन्य राज्यों में टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा दिया गया है। उसी के अनुरूप उन्हें वेतन और भत्ते दिए जा रही हैं। बिहार ही इकलौता प्रदेश है जहां आरटीई एवं एनसीटीई के मापदंडों को पूरा करनेवाले शिक्षक भी नियोजन रूपी दंश को झेलने के लिए मजबूर हैं। इसलिए हम सरकार से मांग करते है कि वे बिहार में टीईटी-एसटीइटी उत्तीर्ण शिक्षकों का अलग संवर्ग घोषित करते हुए राज्यकर्मी माने और उसी के अनुरूप वेतन भत्ते का निर्धारण करें। निगरानी जांच के नाम पर मात्र शिक्षकों को बलि का बकरा नही बनाया जाए बल्कि स्थानीय शिक्षा पदाधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाए। पूछा जाए कि पिछले पांच वर्षों में किस कारणवश उन्होंने शिक्षकों के फोल्डर, मेघासुची को दबा कर रखा और निगरानी को नहीं उपलब्ध करवाया। ग्रेच्युटी, कालबद्ध पदोन्नति, सामूहिक बीमा, पेंशन आदि का लाभ भी स्थानीय निकायों के शिक्षकों को भी दिया जाए। वही संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद मंडल, महासचिव रंजन पासवान , सदस्य उपदेश पोद्दार ने मांग किया कि सीआरसीसी बीआरपी के चयन में स्नातक ग्रेड के शिक्षकों को प्राथमिकता मिले, प्रधानाध्यापक पद पद पर पदोन्नति का अवसर, पुरुष शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण, एरियर के भुगतान के साथ साथ स्थानांतरण अधिसूचना में जारी विसंगति को दूर किया जाए एवं किसी कारणवश अप्रशिक्षित रह गए शिक्षकों को प्रशिक्षण पूर्ण करने का अवसर दिया जाए।