प्रतिकुलपति की सलाह के बाद भी नहीं रोकी गई 29 संदिग्ध बीएएमएस छात्रों की परीक्षा

दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधीन दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सिवान में बैचलर आफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में 29 छात्रों का नामांकन बिना राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) पास किए ही कर लिए जाने के मामले में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 12:31 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 12:31 AM (IST)
प्रतिकुलपति की सलाह के बाद भी नहीं रोकी  गई 29 संदिग्ध बीएएमएस छात्रों की परीक्षा
प्रतिकुलपति की सलाह के बाद भी नहीं रोकी गई 29 संदिग्ध बीएएमएस छात्रों की परीक्षा

दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधीन दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, सिवान में बैचलर आफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में 29 छात्रों का नामांकन बिना राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) पास किए ही कर लिए जाने के मामले में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। नामांकन में नीट के परिणामों की अनदेखी को लेकर प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह द्वारा बीएएमएस कोर्स के संदिग्ध 29 छात्रों की मुख्य परीक्षा स्थगित करने की सलाह के बाद भी परीक्षा ली जा रही है।

प्रतिकुलपति ने 14 सितंबर 2021 को ही कुलपति प्रो. शशिनाथ झा को पत्र लिख मामले से अवगत कराया था। इसके बाद भी नामांकित बीएएमएस कोर्स के संदिग्ध छात्रों की परीक्षा 25 सितंबर से दरभंगा के रामेश्वरलता संस्कृत कालेज परीक्षा केंद्र पर ली जा रही है, जो तीन अक्टूबर तक चलेगी। इधर, प्रतिकुलपति के सुझाव पर कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने 15 सितंबर को पत्र जारी करते हुए कहा था कि परीक्षा आयोजित करनी की जिम्मेदारी परीक्षा परिषद की होती है। परीक्षा को लेकर एडमिट कार्ड जारी हो चुका है। संबंधित कालेज के प्राचार्य से पूरे मामले को लेकर जवाब मांगा गया था, इसपर प्राचार्य ने अपना पक्ष रखा है। सूत्र बताते हैं, कि दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, सिवान के प्राचार्य के द्वारा पूछे गए जवाब में कई चौकाने वाले मामले सामने आए हैं। जांच कमेटी ने अब तक समर्पित नहीं किया जांच प्रतिवेदन

नियमों को ताक पर रखकर 29 छात्रों का मेडिकल कालेज में नामांकन मामले में विश्वविद्यालय ने 18 सितंबर 2021 को पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति से सात दिनों में रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन नौ दिन बीत जाने के बाद भी समिति के सदस्यों ने जांच प्रतिवेदन समर्पित नहीं किए हैं। जांच समिति के सदस्यों में राजकीय आयुर्वेद कालेज कदम कुआं पटना के प्राचार्य, भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान मोहनपुर दरभंगा के प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेद कालेज कदम कुआं पटना के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिंह, संस्कृत विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. सुरेश्वर झा, और संयोजक के रूप में उपकुलसचिव प्रथम निशिकांत प्रसाद सिंह को शामिल किया गया है। हालांकि जांच समिति में शामिल सदस्य राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान दरभंगा के प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने कुलसचिव डा. शिवारंजन चतुर्वेदी पत्र जारी करते हुए बताया है कि बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में षड्यंत्र के तहत 30 दिसंबर 2019 के पूर्व ही 29 छात्रों का अवैध रूप से नामांकन किया गया है। यह केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की सिविल अपील का भी उल्लंघन है। अब अलग से जांच करने की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती है।

विजिलेंस से जांच कराने की मांग

बिहार प्रदेश संस्कृत विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि आयुर्वेद जैसे चिकित्सा कालेज में नियम-परिनियम को ताक पर रख नामांकन लिया गया है। जो मेधावी छात्रों के साथ बहुत बड़ा मजाक है। इसकी निष्पक्ष जांच विजिलेंस अथवा किसी सरकारी एजेंसी से कराई जानी चाहिए। जब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराई जाती है, तो जांच निष्पक्ष होना संभव नहीं प्रतीत होता। आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त कालेज के प्राचार्य का सेवा विस्तार भी गलत है।

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