रमौली के उप-स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले दस साल से नहीं दिखे डॉक्टर

दरभंगा। चौदह हजार की आबादी वाले रमौली पंचायत के जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र पर विगत दस वर्षो से डॉक्टर नहीं पहुंच रहे। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:50 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 11:50 PM (IST)
रमौली के उप-स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले दस साल से नहीं दिखे डॉक्टर
रमौली के उप-स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले दस साल से नहीं दिखे डॉक्टर

दरभंगा। चौदह हजार की आबादी वाले रमौली पंचायत के जर्जर उप स्वास्थ्य केंद्र पर विगत दस वर्षो से डॉक्टर नहीं पहुंच रहे। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही। रमौली, बेलौन, किशनपुर आदि गांव समेत बगही टोला के लोगों को बीमार पड़ने पर पांच से आठ किलोमीटर की दूरी तय कर बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल जाना पड़ता है। पंचायत में नाला का घोर अभाव होने से बारिश के दिनों में जलजमाव से स्थिति नारकीय बन जाती है। रमौली गांव के स्टेट बोरिग से लेकर अंदौली सीमा तक के पथ का आज तक पक्कीकरण नहीं किया जा सका। पंचायत के मकरमपुर चौक से सुहत तक प्रधानमंत्री सड्क योजना के तहत सड़क तो बनी, लेकिन गुणवत्ता नहीं होने के कारण छह माह बाद ही सड़क क्षतिग्रस्त होने लगी। पंचायत में नल-जल योजना की हालत बेहद खराब है। कुल 15 वार्डों में मात्र वार्ड दो, सात, 13 व 14 में ही लोगों को पेयजल मिल रहा है। नली-गली योजना के तहत पंचायत में अभी भी कई गली का निर्माण कराना शेषा है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अभी भी अधिकांश गरीबों को नहीं मिल पाया हैं। जन वितरण प्रणाली की दुकानों में पॉश मशीन जी का जंजाल बन गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिन-प्रतिदिन बच्चों की संख्या घटती जा रही है। पोषाहार की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। पंचायत में बैंक नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। रमौली माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है। पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है।

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रमौली पंचायत एक नजर में : जनसंख्या : 14 हजार,

वोटर : आठ हजार,

मध्य विद्यालय : चार,

प्राथमिक विद्यालय : चार,

हाईस्कुल : एक,

कॉलेज : एक,

जनवितरण प्रणाली की दुकान : पांच, आगंनबाड़ी केंद्र : 11,

मंदिर : 12,

मस्जिद : एक,

पोखरा : 14,

शिक्षित बेरोजागार की संख्या : 20 प्रतिशत,

गरीबी रेखा से नीचे लोगों की संख्या : 80 प्रतिशत

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ग्रामीणों ने रखी अपनी बात : पंचायत में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। अधिकांश मुख्य पथ सहित गलियां जर्जर हो चुकी है। वृद्धों को नियमित पेंशन की राशि नहीं मिल रही।

- जयशंकर मिश्र

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उप स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले दस सालों से डॉक्टर नहीं है। अधिकांश लोगों को सरकारी स्तर पर गरीब हितैषी योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। लोग परेशान हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं।

- मदन मोहन मिश्र

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पंचायत में सबसे बुरा हाल किसानों का है। किसान हमेशा बाढ़ व सुखाड़ जैसी भीषण समस्याओं जूझ रहे हैं। उनकी माली हालत खराब हो गयी है। कई किसानों ने तो खेती से तौबा ही कर लिया।

- दयानंद मिश्र

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पंचायत में शिक्षा व्यवस्था चौपट है। माध्यमिक विद्यालय रमौली में शिक्षकों का घोर अभाव है। शिक्षकों की कमी के कारण स्कूल में पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित है। लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है।

- पदमकांत मिश्र

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पंचायत में जनवितरण प्रणाली व्यवस्था चौपट हो गई है। लोगों को सरकारी दर पर डीलरों से खाद्यान्न नहीं मिल रहा है। साथ ही वजन भी कम दिया जा रहा है।

- सियाराम मिश्र

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आंगनवाडी केंद्रों पर बच्चों को मेनू के हिसाब से पोषाहार नहीं दिए जाने के कारण केंद्रों पर बच्चों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। सरकार को चाहिए कि सभी केंद्र को मिलाकर एक केंद्र की स्थापना करे।

- कृष्ण चंद्र मिश्र

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पंचायत के पंचायत सरकार भवन में कम से कम सप्ताह में एक बार सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक कर समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

- लीलाकांत झा

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रमौली गांव में जर्जर विद्युत तार व पोल से विद्युत सप्लाई किए जाने के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

- रामेंद्र मिश्र

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पंचायत में कई ऐसे वृद्ध हैं जिनको विगत चार वर्षों से वृद्धावस्था पेंशन की राशि नहीं मिल पा रही है। वे पेंशन के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं।

- गोपाल मिश्र

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पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण करवाया गया है। पंचायत के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बचे हुए कार्यो को पूरा किया जा रहा है।

- कुमुद कुमार मिश्र, मुखिया

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