पीएचईडी के रिक्त पदों पर जल्द होगी बहाली: मंत्री

दरभंगा। नल-जल योजना सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना है। इसका धरातल पर सौ फीसद क्रियान्वयन ि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 12:38 AM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 12:38 AM (IST)
पीएचईडी के रिक्त पदों पर जल्द होगी बहाली: मंत्री
पीएचईडी के रिक्त पदों पर जल्द होगी बहाली: मंत्री

दरभंगा। नल-जल योजना सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना है। इसका धरातल पर सौ फीसद क्रियान्वयन दिखना चाहिए। हमारा उद्देश्य है कि गांव के लोगों को शुद्ध पानी मिले। उपरोक्त बातें सूबे के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहीं। वे शुक्रवार को समाहरणालय स्थित आंबेडकर सभागार में प्रमंडल स्तरीय हर घर नल का जल योजना की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा- ग्रामीण क्षेत्र के लिए नल-जल योजना कितना उपयोगी है, इसका मुझे अंदाजा है। क्यूंकि मैं भी ग्रामीण क्षेत्र से आता हूं। कहा- यह सत्य है कि इस योजना में बहुत काम हो रहा है। कहीं कुछ त्रुटियां भी पाई जा रही है। यदि कहीं किसी योजना में कुछ कमी है या परेशानी है तो उससे विभाग को अवगत करावें। गलत डाटा पेश ना करें, इससे सरकार की बदनामी होती है। ऐसा भी देखा जा रहा है कि जलमीनार बन गई है, लेकिन पाइप नहीं बिछा है। कहीं पानी चल रहा है, लेकिन नल नहीं लगा है। इस योजना के संवेदक को पांच साल तक मेंटेनेंस करना है। आप काम करावें। आप ऐसा काम करें कि आप को सम्मानित किया जा सके। यह भी सही है कि विभाग में मानव बल की कमी है। इसके लिए रिक्त पदों को भरने की पहल कर दी गई है। मौके पर मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार, अधीक्षण अभियंता, दरभंगा प्रमंडल, उप विकास आयुक्त, समस्तीपुर व मधुबनी सहित प्रमंडल के तीनों जिला के पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता मौजूद थे।

काम में देरी होने पर कुल प्राक्कलित राशि में से 10 फीसद होगी कटौती

कनीय अभियंतावार समीक्षा के दौरान पीएचईडी विभाग के सचिव ने पाया कि वास्तविक रूप से पूर्ण बताई जा रही योजनाओं में से अभी भी 10 फीसद योजनाओं में कुछ समस्या के कारण कार्य पूरा नहीं हो सका है। योजनाओं को 31 दिसंबर तक चालू कराने के निर्देश दिया।

उन्होंने सभी उप विकास आयुक्तों को नियमित रूप से नल-जल योजना की समीक्षा करने को कहा। कहा- यदि संवेदक द्वारा निर्धारित अवधि में कार्य नहीं किया गया तो विलंब के लिए कुल प्राक्कलित राशि में से 10 फीसद राशि की कटौती जुर्माना के तौर पर की जाए। बैठक में उपस्थित अधीक्षण अभियंता एमसी झा को समस्तीपुर की लंबित योजनाओं की समीक्षा करने तथा मुख्य अभियंता एसपी शूर को बेनीपुर की योजना की जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कार्यपालक अभियंता को पूर्ण योजनाओं की सूची अपने-अपने जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी से भी कहा गया कि वे चरणवार इन योजनाओं की जांच कराएं। कनीय अभियंताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी योजना को कागज में पूर्ण दिखाया गया है और वास्तविक रूप में वहां पानी नहीं चल रहा है, तो वे सीधे निलंबित किए जाएंगे। उन्होंने नल-जल के लाभार्थियों के किचन में या उनके दरवाजे पर लगे पाइप में पीतल के आईएसआई मार्का वाला पीतल का नल लगवाने का निर्देश दिया। नल-जल की कोई योजना कार्यरत नहीं पाए जाने पर संबंधित संवेदक पर दो हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना करने का प्रावधान है। प्रमंडल में बेहतर ढंग से किया गया नल-जल योजना का कार्य : आयुक्त

प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने कहा कि दरभंगा प्रमंडल में नल-जल योजना का क्रियान्वयन अच्छी तरह से किया गया है। कहीं-कहीं कुछ समस्या आती रही है, लेकिन, उनका निराकरण भी किया जाता रहा है। वहीं, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि विगत माह में नल-जल की 38 योजनाओं की जांच कराई गई थी। जिनमें से 30 पूर्णत: चालू पाया गया, जबकि चार आंशिक रूप से। चार योजना कुछ कारणों से बंद पाई गई। कहीं ऑपरेटर की कमी थी तो कहीं कुछ और समस्या। शहरी क्षेत्र में दो योजनाओं पर काम चल रहा हैं, जिनमें अभी तक पाइप कनेक्शन नहीं किया गया है। कुछ योजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें नगर निकाय को हस्तांतरित नहीं किया गया है। जिसके कारण मेंटेनेंस की समस्या उत्पन्न हो रही है। बिरौल में बरही पंचायत में आर्सेनिक पाया जाता है। वहां के लोगों को इससे गंभीर बीमारी होने की शिकायत मिल रही है। वहां आर्सेनिक प्लांट लगाया गया था। लेकिन कार्यरत नहीं हो सका है। इसे चालू करवाने की जरूरत है। दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर जिला में लक्ष्य का करीब नब्बे फीसद काम पूरा

दरभंगा जिला के पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि दरभंगा के 324 पंचायतों में से 44 पंचायतों के 625 वार्डों में से उन्हें 322 वार्डों में जलापूर्ति करने का लक्ष्य दिया गया था। जिनमें से 301 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वहीं, मधुबनी जिला के पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिला के 399 पंचायतों में से 56 पंचायतों के 802 वार्डों में से 678 वार्ड में जलापूर्ति करने का लक्ष्य पीएचईडी को दिया गया था, जिनमें से 661 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। समस्तीपुर के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि समस्तीपुर की 381 पंचायतों में से 167 पंचायतों के 5210 वार्डों में से 1570 वार्डों में जलापूर्ति करने का लक्ष्य पीएचईडी को दिया गया था, जिनमें से 1450 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

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