स्नातक प्रथम खंड में नामांकन को 1.50 लाख सीटें खाली, नामांकन का अंतिम मौका आज
दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातक प्रथम खंड सत्र 2021-21 में नामांकन को लेकर द
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातक प्रथम खंड सत्र 2021-21 में नामांकन को लेकर दूसरे राउंड की आन स्पाट नामांकन प्रक्रिया आठ दिसंबर तक ही निर्धारित है। इसके बाद विद्यार्थियों को नामांकन का अवसर नही दिया जाएगा। पहले आओ पहले पाओ के तहत बुधवार तक ही नामांकन आमंत्रित किए गए हैं। बता दें कि विवि के अधीन सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कालेजों में पारंपरिक विषयों में सीटों को लेकर मारामारी की स्थिति देखी जा रही है। वहीं पारंपरिक विषयों के इतर विषयों में लगभग डेढ़ लाख सीटें खाली हैं। नामांकन को लेकर अध्यक्ष छात्र कल्याण ने 10 दिसंबर तक संबंधित सभी कालेजों के प्राचार्यों को नामांकित छात्रों का अपडेट कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।
दो लाख 92 हजार सीटों के विरुद्ध मात्र एक लाख 92 हजार आवेदन
विश्वविद्यालय के अधीन सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कालेजों में स्नातक प्रथम खंड में कुल एक लाख 92 हजार सीटें आवंटित हैं। इसके विरुद्ध सत्र 2021-24 में एक लाख 92 हजार आवेदन मिले हैं। यानि एक लाख सीटें पहले ही खाली चल रही हैं। इसके बाद भी पारंपरिक विषयों के साथ ही इसके इतर विषयों में लगभग 50 हजार सीटें खाली हैं। बता दें कि विषयवार खाली सीटों की सूची विवि 10 दिसंबर के बाद जारी करेगी।
इन पारंपरिक विषयों में नामांकन को मारामारी
विश्वविद्यालय के अधीन सभी अंगीभूत एवं संबद्ध कालेजों में पारंपरिक विषय इतिहास प्रतिष्ठा में कुल 25394 सीट, भूगोल प्रतिष्ठा में 16270, हिदी प्रतिष्ठा में 12400, जंतु विज्ञान प्रतिष्ठा में 9093 सीटें निर्धारित हैं। लेकिन इन सभी सीटों के विरुद्ध नामांकन को लेकर काफी भीड़ है। दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी और बेगूसराय के प्रसिद्ध कालेजों में इन विषयों में नामांकन को लेकर भीड़ देखी जा रही है।
पारंपरिक विषयों के इतर इन पाठ्यक्रमों सीटें खाली
.ड्रामा प्रतिष्ठा
.पर्शियन पाठ्क्रम
. एंट्रोपोलॉजी प्रतिष्ठा
. एलएसडबल्यू पाठ्यक्रम
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चल रहे पारंपरिक विषयों के इतर पाठ्यक्रमों में बदलाव की जरूरत : कुलपति
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान में चल रहे पारंपरिक विषयों के अलावा पाठ्यक्रमों में बदलाव की जरूरत है। तभी बच्चों का रुझान इन पाठ्यक्रमों में होगी। पाठ्यक्रमों को रोजगार से जोड़ना सबसे पहला लक्ष्य होना चाहिए। पाठ्यक्रमों को प्रतियोगिता से जोड़ने की जरूरत है। तभी इन पाठ्यक्रमों में छात्रों की रुचि बढ़ेगी। इसके लिए संबंधित विषयों के शिक्षकों की भी जवाबदेही बनती है, कि सिलेबस में क्या परिवर्तन की जाए जो छात्रों में रुचि लाया जा सके। कुलपति ने कहा कि पारंपरिक कोर्स से इतर दो दर्जन नये कोर्स आरंभ की जा रही है। ये सभी कोर्स रोजगार और प्रतियोगिता आधारित हैं। इसमें छात्रों के लिए अधिक अवसर हैं। विशेषज्ञों के साथ काफी मंथन और विचार के बाद नये कोर्स को आरंभ किया गया है।
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